अगर आप बिहार में जमीन या प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो जल्दी फैसला लेना ही समझदारी होगी! बिहार सरकार अप्रैल 2024 से न्यूनतम मूल्य रजिस्टर (एमवीआर) यानी सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी में है, जिससे जमीन की रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी। इसके चलते स्टांप ड्यूटी भी बढ़ेगी और इसका सीधा असर प्रॉपर्टी की कीमतों पर पड़ सकता है।
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सर्किल रेट क्यों बढ़ाने की तैयारी में है सरकार?
बिहार के शहरी इलाकों में आखिरी बार 2016 में सर्किल रेट संशोधित किया गया था, जबकि ग्रामीण इलाकों में 2013 से कोई बदलाव नहीं हुआ। पिछले कई वर्षों से प्रॉपर्टी बाजार में तेजी आई है, लेकिन सरकारी दरें पुराने स्तर पर बनी हुई हैं। इस वजह से सरकार को रियल एस्टेट से मिलने वाले राजस्व में बढ़ोतरी नहीं हो रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजीकरण विभाग के फील्ड अधिकारी पिछले कुछ महीनों से इस बदलाव पर काम कर रहे हैं। पटना और अन्य बड़े शहरों के आसपास के इलाकों में बाजार दरों का आकलन किया जा रहा है। इसके आधार पर सरकार एमवीआर बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर रही है।
रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ेगा बड़ा असर
सर्किल रेट में बदलाव का सीधा असर बिहार के रियल एस्टेट कारोबार पर पड़ेगा। अगर रेट बढ़ते हैं, तो जमीन खरीदने वाले लोगों को रजिस्ट्री कराने के लिए अधिक पैसे चुकाने होंगे। इससे प्रॉपर्टी का लेन-देन महंगा हो सकता है, जिससे रियल एस्टेट कारोबारियों को दिक्कत हो सकती है।
2016 में जब शहरी इलाकों में सर्किल रेट बढ़ाया गया था, तब कई इलाकों में सरकारी दरें बाजार भाव से अधिक हो गई थीं। इससे प्रॉपर्टी का लेन-देन घट गया था और रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी आ गई थी। यही वजह थी कि सरकार ने उसके बाद सर्किल रेट में कोई संशोधन नहीं किया।
किन इलाकों में सबसे ज्यादा असर होगा?
इस नए बदलाव से पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, दरभंगा और अन्य बड़े शहरों में सर्किल रेट में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। इन इलाकों में पिछले कुछ सालों में प्रॉपर्टी की कीमतें काफी बढ़ी हैं, लेकिन सरकारी दरें अब भी पुरानी हैं।
इसके अलावा, पटना और अन्य शहरों के बाहरी इलाकों जैसे बिहटा, दानापुर, खगौल, फुलवारीशरीफ, हाजीपुर और नौबतपुर में भी जमीन की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। इन इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से विकसित हो रहा है, जिसके चलते सरकार यहां से अधिक राजस्व जुटाने की योजना बना रही है।
अप्रैल 2024 से लागू हो सकता है नया रेट
अधिकारियों के मुताबिक, अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है तो 1 अप्रैल 2024 से इसे लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद बिहार में जमीन की खरीदारी और रजिस्ट्री कराना महंगा हो जाएगा।