जातीय जनगणना (Caste Census) को राष्ट्रीय जनगणना का हिस्सा बनाने के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर बिहार में सियासी सरगर्मी चरम पर है। बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के विश्वासपात्र विजय कुमार चौधरी ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि इसकी बुनियाद और प्रेरणा बिहार से ही आई थी। विजय चौधरी (Vijay Chaudhary) ने इस मामले में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर कड़ा प्रहार किया है।
“नीतीश ने दिखाया रास्ता, देश ने अपनाया”
विजय चौधरी ने कहा कि जातीय गणना की मांग सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2019 में की थी, जब न तो विपक्ष सामने था और न ही इस मुद्दे को कोई गंभीरता से ले रहा था। उन्होंने बताया कि उस समय विधानसभा में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया था और तब केंद्र में भी एनडीए की सरकार थी।
“केवल समर्थन देना काफी नहीं होता”
मंत्री चौधरी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि सिर्फ किसी मुद्दे से जुड़ जाना और उसका समर्थन कर देना नेतृत्व नहीं होता। असली नेता वही होता है जो जोखिम उठाकर पहल करे। नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय गणना करवाई, अदालत में चुनौती का सामना किया और अब इसे नौवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए भी कटिबद्ध हैं।
“विपक्ष का श्रेय लेने का प्रयास – पाखंड”
विजय चौधरी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि जब नीतीश कुमार ने INDIA गठबंधन में जातीय गणना को प्रमुख एजेंडा बनाने की बात कही थी, तब राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने उसे नजरअंदाज कर दिया। अब जब केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है, तो वही लोग इसे अपनी जीत बता रहे हैं।
“नीतीश का विजन और केंद्र का क्रियान्वयन”
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने भी बयान जारी कर कहा कि नीतीश कुमार ने जो बात बिहार से शुरू की, वह अब राष्ट्रीय स्वीकार्यता पा चुकी है। उन्होंने कहा कि “नीतीश की धारा” और “मोदी सरकार का क्रियान्वयन” मिलकर सामाजिक न्याय की नई धारा बना रहे हैं।