पटना में रविवार को देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) को लेकर बड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि “बिहार में चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है, इसे उसी श्रद्धा और उत्साह से मनाना चाहिए जैसे हम अपने पर्व-त्योहार और विशेष रूप से लोक आस्था के महापर्व छठ को मनाते हैं।” यह संदेश उन्होंने भोजपुरी में बिहार के मतदाताओं को संबोधित करते हुए दिया, जिससे उनके शब्दों में आत्मीयता और जुड़ाव झलका।
ज्ञानेश कुमार दो दिवसीय बिहार दौरे पर पटना पहुंचे थे, जहां उन्होंने चुनावी तैयारियों की समीक्षा की और प्रशासनिक अधिकारियों एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ लंबी बैठक की। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि बिहार में SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया सफलता पूर्वक पूरी हो गई है। इस प्रक्रिया के जरिए मतदाता सूची को अद्यतन और शुद्ध किया गया है। उन्होंने इस कार्य में लगे सभी बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) की सराहना की और कहा कि बिहार के BLO ने जो काम किया है, वह पूरे देश के लिए एक मिसाल है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है और उससे पहले चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आयोग ने इस बार कई नई तकनीकी और पारदर्शिता बढ़ाने वाली पहलें शुरू की हैं जो बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू की जाएंगी। अब हर बूथ पर 1200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे। बिहार में पहली बार वन स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म लागू किया जाएगा ताकि मतदाताओं और उम्मीदवारों को सभी सूचनाएं एक जगह मिल सकें।
उन्होंने बताया कि अब बूथ के बाहर मोबाइल जमा करने की व्यवस्था की जाएगी ताकि मतदाता बिना किसी झिझक और व्यवधान के वोट डाल सकें। इसके अलावा, बूथ से 100 मीटर की दूरी तक प्रत्याशी अपने एजेंट को तैनात कर सकेंगे ताकि प्रक्रिया की पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही, बिहार के हर पोलिंग स्टेशन पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग की जाएगी जिससे मतदान की पूरी प्रक्रिया पर रीयल टाइम निगरानी संभव होगी।
EVM में भी बदलाव की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि अब बैलेट पेपर ब्लैक एंड व्हाइट की जगह उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरों के साथ होंगे और सीरियल नंबर का फॉन्ट बड़ा किया गया है ताकि मतदाताओं को पहचानने में आसानी हो। यह कदम मतदाता सुविधा और पारदर्शिता दोनों के लिहाज से अहम है।
ज्ञानेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा, “बिहार के 90,217 बूथ लेवल अधिकारियों ने जिस समर्पण और दक्षता के साथ काम किया है, वह अभूतपूर्व है। मतदाता सूची के शुद्धिकरण से लेकर बूथों की तैयारी तक, सब कुछ उच्च स्तर पर संपन्न हुआ है। यह बिहार की प्रशासनिक क्षमता और लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता का उदाहरण है।” उन्होंने अंत में बिहार के नागरिकों से अपील की कि वे मतदान के दिन इसे एक उत्सव की तरह मनाएं। “छठ की तरह यह भी हमारे लोकतंत्र का पर्व है। सभी लोग आगे आएं, वोट डालें और अपने लोकतांत्रिक अधिकार का सम्मान करें,” मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा।






















