नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के साथ भारत के तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा की।
भारतीय न्याय प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव
बैठक में जिन तीन नए कानूनों की समीक्षा की गई, वे हैं:
भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS)
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita – BNSS)
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Bharatiya Sakshya – BS)
इन नए कानूनों को औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लागू किया जा रहा है, ताकि भारत की न्यायिक प्रणाली को आधुनिक और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर
गृह मंत्री शाह ने कहा कि इन कानूनों को स्थानीय स्तर पर सटीक और प्रभावशाली ढंग से लागू करना आवश्यक है, ताकि इनका वास्तविक लाभ नागरिकों तक पहुंचे। उन्होंने राज्यों में पुलिस बल की तैयारियों और प्रशिक्षण की आवश्यकता पर भी बल दिया। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में केंद्र सरकार का ध्यान सुरक्षा और न्याय प्रणाली में बुनियादी सुधारों पर केंद्रित है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, जो छत्तीसगढ़ के पहले कंवर आदिवासी समुदाय से आने वाले मुख्यमंत्री हैं, ने राज्य में इन कानूनों को लागू करने की तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार न्याय और विकास को समानांतर प्राथमिकता दे रही है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जिन्होंने 2023 के चुनाव में भारी जीत हासिल की थी, ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र की पहल के साथ पूरी तरह से समन्वय में कार्य कर रही है।
केंद्र-राज्य समन्वय की मिसाल
इस बैठक को केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग और रणनीतिक समन्वय का प्रतीक माना जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत की नई आपराधिक न्याय प्रणाली देशभर में एकरूपता और प्रभावशीलता के साथ लागू हो।