झारखंड सरकार (Jharkhand Government) की अवधि खत्म होने के ठीक छह महीने पहले चंपाई सोरेन कैबिनेट का विस्तार हो रहा है। आलमगीर आलम के त्यागपत्र देने के बाद से कांग्रेस कोटे के खाली मंत्री पद को भरा जाएगा। वहीं इस बार 12वें मंत्री का पद भी भरा जाएगा। इस तरह झारखंड को दो नए मंत्री मिलने वाले हैं।
मंत्रिमंडल के एक सदस्य आलमगीर आलम के टेंडर घोटाला कैश कांड में जेल जाने के बाद एक बर्थ खाली हो गई है। पहले से ही एक बर्थ खाली चल रही है। यानी मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो दो मंत्री बनाए जा सकते हैं। आलमगीर आलम कांग्रेस कोटे से मंत्री बने थे, इसलिए कोशिश यह है कि अल्पसंख्यक समुदाय से ही किसी को मंत्री बनाया जाए। दूसरी सीट भी कांग्रेस को मिल सकती है। इस पर हेमंत सोरेन से भी सहमति मिल जाने की बात बताई जा रही है। चर्चा तो यह भी है कि कांग्रेस कोटे के किसी एक मंत्री को बदला भी जा सकता है।
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मंत्री पद के लिए जो नाम सामने आ रहे हैं, उनमें आलमगीर आलम की जगह लंबे समय से मंत्री बनने के लिए बेचैन डॉ. इरफान अंसारी का नाम सबसे ऊपर है। मंत्री पद न मिल पाने के कारण इरफान अंसारी अक्सर अपनी पार्टी को ही कठघरे में खड़ा करते रहे हैं। इस बार तो उनका दावा इसलिए मजबूत दिखता है कि अल्पसंख्यक कोटे से ही आलमगीर आलम मंत्री बने थे। उनके जेल जाने के बाद अल्पसंख्यक कोटा खाली है।
दूसरा नाम दीपिका पांडेय सिंह का सामने आ रहा है। दीपिका पांडेय को कांग्रेस ने गोड्डा से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था। पर, बाद में उनकी जगह प्रदीप यादव के नाम की घोषणा हो गई। इससे वे नाराज चल रही हैं। उन्हें भी इस बार मंत्री पद मिल सकता है। तीसरा नाम बैजनाथ महतो का सामने आ रहा है।




















