बिहार की राजधानी पटना में दारोगा और पुलिस भर्ती की मांग को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया. अभ्यर्थी हाथों में तिरंगा झंडा लेकर सड़कों पर उतरे। छात्र चुनाव से पहले दारोगा की वेकेंसी निकालने की मांग पर अड़े हैं. बिहार में दरोगा अभ्यर्थियों ने जब रोजगार मांगा, नीतीश सरकार ने लाठियों से स्वागत किया।सोमवार को दोपहर में राजधानी पटना के गांधी मैदान में अभ्यर्थियों की भीड़ इकट्ठा होने लगी। दरोगा अभ्यर्थियों ने पटना की सड़कों पर हाथ में झंडा लेकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए निकले। लेकिन उन्हें डाक बंगला चौराहा पर ही पुलिस के द्वारा बैरिकेडिंग लगाकर रोका गया। वहीं मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई।
दअरसल बीते एक साल से दरोगा अभ्यर्थी नई भर्ती आने का इंतजार कर रहे। इनका आरोप है कि चुनाव के बाद भर्ती में लेट होने की गुंजाइश है।पुलिस ने अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज कर दिया। छात्रों में भगदड़ की स्थिति मच गई। लेकिन दरोगा भर्ती के विज्ञापन चुनाव से पहले निकालने और बिहार पुलिस सिपाही में अंसार-की, कट ऑफ और कार्बनकॉपी देने वाले मांग के साथ ही परीक्षा में पारदर्शिता लेकर अब भी छात्र – छात्राएं डंटे हुए है।भाजपा – जदयू के आपसी सहयोग से चल रही बिहार में करीब 20 वर्षों के शासनकाल में जब भी बेरोजगार अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे है उन्हें नीतीश कुमार के प्रशासन द्वारा लाठियों से पीटा गया है।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि नीतीश कुमार ने वोट बैंक के लिए बिहार में बीते कुछ वर्षों में सिर्फ शिक्षा विभाग में लाखों भर्तियां कराई। वहीं अन्य नौकरियों के भर्ती और परीक्षा पर सरकार का रवैया निराशजनक रहा है। बिहार पुलिस का रवैया छात्र आंदोलन को लेकर जो रही है उसे बदलना चाहिए। एक अदना सा नौकरी की तलाश में भटक रहे युवाओं की मांगों को सुनने के बजाए उनपर लाठियां भांजना बिल्कुल गलत है।