[Team insider] वैश्विक महामारी के संक्रमण के बाधाओं के बीच चतरा के ऐतिहासिक तीन धर्मों के समागम स्थल मां भद्रकाली मंदिर परिसर में आज से तीन दिवसीय इटखोरी राजकीय महोत्सव का आगाज हो गया। सुबे के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सांसद सुनील कुमार सिंह व सिमरिया विधायक किसुन कुमार दास ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित और फीता काटकर महोत्सव का उद्घाटन किया। मौके पर डीसी, एसपी, डीएफओ, डीडीसी व मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सह एसडीओ समेत बड़ी संख्या में अधिकारी व लोग मौजूद थे।
अतिथियों ने वृक्षारोपण कर महोत्सव को यादगार बनाया
इस दौरान उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पहुंचे मंत्री, सांसद और विधायक का प्रबंधन समिति ने स्वागत किया। जिसके बाद अतिथियों ने मां भद्रकाली के समक्ष माथा टेककर राज्य व चतरा जिले वासियों के अमन शांति की कामना की। इसके बाद मां भद्रकाली मंदिर परिसर में मंत्री व अतिथियों ने वृक्षारोपण कर महोत्सव को यादगार बनाया। मौके पर मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन स्थलों के विकास के प्रति पूरी तरह गंभीर है।
अगले वर्ष से शानदार तरीके से होगा आयोजित
वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप के कारण विगत 2 वर्षों से महोत्सव का आयोजन सांकेतिक रूप से हो रहा है। लेकिन अब परिस्थितियां जैसे ही नियंत्रित होंगी अगले वर्ष से महोत्सव पूर्व की तरह ही शानदार तरीके से आयोजित होगा। महोत्सव में राज्य के अलावे देश के कोने-कोने से कलाकारों और उद्योगपतियों को आमंत्रित किया जाएगा। ताकि पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ जिले के विकास की गाथा भी गढ़ी जा सके।
अभी तक नहीं टूटी महोत्सव की कड़ी
वहीं सांसद सुनील कुमार सिंह ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद संकेतिक स्तर पर राजकीय महोत्सव के आयोजन की अनुमति के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में बड़ी बात है कि महोत्सव की कड़ी अभी तक नहीं टूटी है। उन्होंने कहा कि परिस्थितियां सामान्य होने के बाद उम्मीद है कि राज्य सरकार आम लोगों की आस्था का ख्याल रखते हुए पूर्व की भांति राजकीय महोत्सव का भव्य आयोजन यहां जरूर कराती रहेगी।
गौरतलब है कि झारखंड सरकार द्वारा वर्ष 2015 में इटखोरी महोत्सव को राजकीय दर्जा देने की घोषणा की गई थी। हालांकि कोविड 19 के गाईडलाइन के मद्देनजर इस बार महोत्सव का आयोजन सांकेतिक रूप से करते हुए इसके अनुपालन का भी कार्यक्रम में पूरा ध्यान रखा गया था।