[Team insider] चतरा, हजारीबाग, लातेहार और पलामू समेत झारखंड-बिहार के विभिन्न जिलों में आतंक का पर्याय बन चुके दो दुर्दांत नक्सलियों को आत्मसमर्पण के बाद पुलिस ने नई दिशा का सहारा दिया है। समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में एसपी राकेश रंजन और सीआरपीएफ 190 बटालियन के कमांडेंट ने संयुक्त रूप से प्रतिबंधित टीएसपीसी नक्सली संगठन के सेकेंड सुप्रीमों ईनामी जोनल कमांडर मुकेश गंझू और एरिया कमांडर नागेश्वर गंझू की पत्नी को सरकार द्वारा घोषित ईनाम राशि का चेक सौंपा।
पांच लाख रुपये का चेक सौंपा
पुलिस की आत्मसमर्पण नीति दिशा के तहत हथियार डालने वाले नक्सली जोनल कमांडर मुकेश गंझू की पत्नी को 15 लाख और एरिया कमांडर नागेश्वर गंझू की पत्नी को एसपी और कमांडेंट ने पांच लाख रुपये का चेक सौंपा। इसके अलावे सरकार की दिशा नीति के तहत शहर में जमीन और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा योजना का लाभ देने की भी बात कही। मौके पर एसपी और कमांडेंट ने हथियार उठाने वाले समाज के दुश्मन बन बैठे अन्य नक्सलियों से भी सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर हथियार डालते हुए मुख्य धारा में शामिल होने की अपील की।
दोनों नक्सली हजारीबाग सेंट्रल जेल में बंद है
एसपी ने कहा कि अपराध के रास्ते पर चलकर विकास के सपने साकार कभी नहीं होते। उन्होंने कहा कि हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने वाले नक्सलियों को हर संभव सहयोग करने के साथ-साथ योजना नीति का आर्थिक लाभ देने के प्रति पुलिस पूरी तरह कृत संकल्पित है। गौरतलब है कि आतंक का पर्याय बन चुके दुर्दांत नक्सली जोनल कमांडर मुकेश गंझू और एरिया कमांडर नागेश्वर गंझू ने करीब एक वर्ष पूर्व पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। आत्मसमर्पण करने के बाद दोनों नक्सली हजारीबाग सेंट्रल जेल में बंद है। नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने के बाद पुलिस ने वादे के मुताबिक दोनों के परिजनों को नीति योजना का लाभ देते हुए चेक सौंपा है।