Samrat Chaudhary vs Khesari Lal Yadav: छपरा विधानसभा सीट पर आरजेडी उम्मीदवार और लोकप्रिय भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के बीच जुबानी जंग ने माहौल को और गर्मा दिया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब सम्राट चौधरी ने एक चुनावी सभा में खेसारी लाल यादव पर तंज कसते हुए उन्हें “नाचने वाला” कह दिया। यह टिप्पणी अब चुनावी विमर्श का नया मुद्दा बन गई है, जिस पर खेसारी लाल यादव ने करारा पलटवार किया है।
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सम्राट चौधरी ने अपनी जनसभा में कहा कि “राजद ने इस बार छपरा से एक नाचने वाले को उम्मीदवार बना दिया है। जनता को यह समझना चाहिए कि राजनीति मनोरंजन नहीं, जिम्मेदारी का क्षेत्र है।” उन्होंने जनता से अपील की कि बिहार को “ड्रामा नहीं, विकास” चाहिए। चौधरी की यह टिप्पणी जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई, राजद समर्थकों ने इसे “कलाकारों का अपमान” करार दिया।
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इसी बीच खेसारी लाल यादव ने अपने अंदाज में पलटवार किया। उन्होंने कहा कि “उनके दल में तो सभी संत हैं, आसाराम बापू के शिष्य हैं। मुझे ‘नाचने वाला’ कहकर वे मेरा नहीं, कला और कलाकारों का अपमान कर रहे हैं।” खेसारी ने आगे कहा कि “मैं नाचने वाला जरूर हूँ, लेकिन अपने गानों से समाज की सेवा करता हूँ। मैंने अनाथ बच्चों की परवरिश की, गरीब बेटियों की शादियाँ करवाईं और आपदा के समय लोगों की मदद की। राजनीति मेरे लिए सेवा का माध्यम है, शोहरत का नहीं।”

उन्होंने यह भी कहा कि “संगीत और कला समाज को जोड़ती है, तोड़ती नहीं। बिहार की जनता मेरे काम को जानती है और वही असली फैसला करेगी।”
खेसारी का यह जवाब लोगों के बीच तेजी से वायरल हुआ और सोशल मीडिया पर उन्हें व्यापक समर्थन मिला। राजद कार्यकर्ताओं ने सम्राट चौधरी के बयान को “अहंकार और वर्गीय मानसिकता” से प्रेरित बताया, जबकि बीजेपी समर्थकों का कहना है कि “राजनीति गंभीर जिम्मेदारी है, इसे सर्कस नहीं बनने देना चाहिए।”






















