नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार (29 मार्च) को सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जिसमें 17 माओवादी मारे गए, जिनमें 11 महिलाएं भी शामिल थीं। इस मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं।
कुख्यात माओवादी भी मारा गया
रिपोर्ट के अनुसार, मारे गए नक्सलियों में एक मोस्ट वांटेड माओवादी शामिल था, जो 2013 के झीरम घाटी हत्याकांड में शामिल था। उस पर ₹25 लाख का इनाम था।
कैसे हुआ ऑपरेशन?
जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और CRPF की संयुक्त टीम ने 28 मार्च को केरलापाल थाना क्षेत्र के तहत गोगुंडा, नेंडुम और उपमपल्ली के जंगलों में ऑपरेशन शुरू किया।
29 मार्च दोपहर 3:50 बजे पुलिस ने पुष्टि की कि मुठभेड़ स्थल से 17 माओवादियों के शव बरामद किए गए।
AK-47, INSAS, .303 राइफल, रॉकेट लॉन्चर, ग्रेनेड लॉन्चर और अन्य विस्फोटक भी बरामद हुए हैं।
10 दिनों में दूसरी बड़ी कार्रवाई
- 20 मार्च को बीजापुर-कांकेर में हुई मुठभेड़ों में 30 माओवादी मारे गए थे।
- 9 फरवरी को बीजापुर में 31 नक्सलियों को ढेर किया गया था।
- इस साल की शुरुआत से अब तक बस्तर क्षेत्र में 117 माओवादी मारे जा चुके हैं।
गृहमंत्री अमित शाह का बयान
गृह मंत्री अमित शाह ने इस अभियान को नक्सलवाद पर एक और करारा प्रहार बताया।
उन्होंने X (ट्विटर) पर लिखा –
“हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने सुकमा में 16 नक्सलियों को मार गिराया और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं हथियार उठाने वालों से अपील करता हूं – हथियार और हिंसा से बदलाव नहीं आता, बल्कि शांति और विकास ही असली बदलाव ला सकते हैं।”
बताते चलें कि मुठभेड़ में DRG के तीन और CRPF का एक जवान घायल हुआ है। भारतीय वायुसेना की मदद से उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया, और सभी खतरे से बाहर हैं। सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई माओवाद के खात्मे की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। बस्तर, बीजापुर और सुकमा में लगातार नक्सल विरोधी अभियानों को तेज किया जा रहा है।