कहते हैं, उम्मीद की किरण कहीं न कहीं जरूर होती है। कुछ ऐसा ही हुआ गया निवासी नाल्हन प्रसाद और उनकी पत्नी रूनी देवी के साथ, जिन्होंने 30 वर्षों तक संतान के लिए हर रास्ता अपनाया, लेकिन हर बार मायूसी ही हाथ लगी। जब लगने लगा कि अब कोई चमत्कार ही सहारा बन सकता है, तब उन्हें मिला पटना स्थित दिव्य वात्सल्य ममता IVF सेंटर का साथ—जहाँ उनके अधूरे सपनों को साकार किया गया।
डॉ. रश्मि प्रसाद की देखरेख में शुरू हुआ इलाज, और कुछ ही महीनों में वो पल आया जिसका उन्होंने वर्षों तक इंतजार किया था—उनकी गोद में आई नन्ही किलकारियाँ। यह सिर्फ चिकित्सा की जीत नहीं, बल्कि भरोसे और उम्मीद की जीत थी।
दिव्य वात्सल्य ममता IVF सेंटर, पटना के प्रमुख और भरोसेमंद फर्टिलिटी सेंटर्स में से एक है, जिसे डॉ. रश्मि प्रसाद जैसे अनुभवी विशेषज्ञ का मार्गदर्शन प्राप्त है। 20 वर्षों से अधिक का अनुभव और 10,000 से ज्यादा सफल IVF केस—यह आंकड़े खुद बताते हैं कि क्यों यह सेंटर हजारों जोड़ों के लिए आशा की नई रोशनी बन चुका है।
डॉ. रश्मि कहती हैं, “हर दंपती को मातृत्व और पितृत्व का सुख पाने का अधिकार है। हमारी कोशिश रहती है कि हर सपना यहाँ आकर साकार हो।”
आज नाल्हन प्रसाद और रूनी देवी की कहानी उन अनगिनत दंपतियों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है, जो अब भी संतान की चाह में संघर्ष कर रहे हैं।
अगर आप भी उम्मीद खो चुके हैं, तो एक बार जरूर सोचें – शायद अगली खुशखबरी आपकी हो! दिव्य वात्सल्य ममता IVF सेंटर, पटना (https://www.vatsalyamamta.in/)– जहाँ अधूरे सपनों को मिलती है नई शुरुआत।