शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक लगातार नए-नए निर्देशों को लेकर चर्चा में बने रहते है। हालांकि उनके आने के बाद शिक्षा के स्तर में काफी सुधार हुआ है वहीं उनकी कार्रवाई से उनके खिलाफ विरोध में भी काफी आवाजें उठी है, पहले जहां शिक्षा मंत्री से उनका विवाद सुर्खियों में था जिसके बाद राजभवन फिर BPSC के अध्यक्ष अतुल प्रसाद। इनसें विवाद सुलझा ही था कि चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने के के पाठक के निर्देशों के खिलाफ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दरअसल, के के पाठक ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि जो बच्चे लम्बे तक स्कूल से नदारद है उनका नाम स्कूल से काट दिया जाए, जिसके बाद करीब एक लाख छात्रों का नाम स्कूल से काट दिया गया है। इसमें हवाला दिया गया है कि इन छात्रों का एडमिशन सरकारी और प्राइवेट स्कूल दोनों जगह पर था लिहाजा वह सरकारी स्कूल में पढ़ाई करने नहीं आते हैं। अब इसी मामले को लेकर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने हेडमास्टर और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को सस्तरीय उपस्थित होने का आदेश जारी किया है। बेतिया के चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने कहा कि के के पाठक का आदेश RTE 2009 का उल्लंघन है।
जारी नोटिस में कहा गया है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 एवं संविधान की धारा-2 के अंतर्गत 14वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा लेना दिलाना मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य है। वर्णित अधिकारों से बच्चों को वंचित करना कानून को घोर उल्लंघन है। उन्होंने आगे कहा कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हौरिया एवं सबंधित विद्यालय के प्राध्यापक को दिनांक 19/09/ 2023 को दोपहर 02:30 बजे तक विद्यालय के कक्षासम्म उपस्थिति पंजी एवं मील पंजी के साथ समिति के समय सह उपस्थित हो, और जवाब दें कि किस आधार पर ऐसा किया गया है।
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