नयी दिल्ली: चीन बांग्लादेश के लालमोनिरहाट जिले में एक एयरफील्ड तैयार कर रहा है, जिसकी खबर ने भारत सरकार को सतर्क कर दिया है। भारत इस घटनाक्रम पर पैनी नजर रख रहा है। लालमोनिरहाट जिला भारत के उस रणनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील इलाके ‘चिकन नेक’ के करीब है, जो पश्चिम बंगाल के कूचबिहार और जलपाईगुड़ी जिलों से सटा हुआ है। ये दोनों जिले पूर्वोत्तर भारत को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली कड़ी हैं। ऐसे में बांग्लादेश द्वारा चीन को इस संवेदनशील क्षेत्र के पास एयरफील्ड बनाने की इजाजत देना भारत के लिए चिंता का सबब बन गया है। इससे न केवल चिकन नेक की सुरक्षा खतरे में पड़ती है, बल्कि भारत की कनेक्टिविटी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
हाल ही में बांग्लादेश के नेता मोहम्मद यूनुस ने चीन का दौरा किया था। इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, माना जा रहा है कि इस दौरे के दौरान ही इस चीनी एयरफील्ड प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई होगी, हालांकि आधिकारिक दस्तावेजों में इसका कोई उल्लेख नहीं मिलता। चिकन नेक के पास लालमोनिरहाट में एयरफील्ड का निर्माण भारत के लिए खतरे की घंटी है। चीन और पाकिस्तान जैसे देश लंबे समय से इस इलाके पर अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं। बीते कुछ दशकों में इस क्षेत्र में जनसांख्यिकीय संतुलन भी प्रभावित हुआ है, जिसने इसे सुरक्षा के लिहाज से और संवेदनशील बना दिया है।
चिकन नेक एक संकरा गलियारा है, जो पश्चिम बंगाल में स्थित है और पूर्वोत्तर भारत को शेष देश से जोड़ता है। यह इलाका नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और चीन जैसे देशों की सीमाओं से घिरा हुआ है। भारतीय सेना की यहां मजबूत मौजूदगी हमेशा से रही है। अभी तक भारत के पूर्वी क्षेत्र के पास चीनी वायुसेना का कोई अड्डा नहीं था, लेकिन अब बांग्लादेश में एयरफील्ड का निर्माण भारत की सुरक्षा के लिए नई चुनौती पेश कर सकता है। खास तौर पर सिक्किम और पश्चिम बंगाल जैसे नजदीकी राज्यों के लिए यह चिंताजनक है।
इस बीच, मोहम्मद यूनुस के चीन दौरे के बाद अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार भी बांग्लादेश पहुंचने वाले हैं। इससे पहले 17 अप्रैल से पाकिस्तानी विदेश सचिव का दौरा भी प्रस्तावित है। साल 2012 के बाद यह पहला मौका होगा, जब पाकिस्तान का कोई मंत्री स्तर का अधिकारी ढाका का दौरा करेगा। इन घटनाक्रमों ने भारत की चिंताओं को और गहरा कर दिया है