लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान गठबंधन की राजनीति और कांग्रेस की सक्रियता को लेकर कई अहम सवाल उठाए। चिराग ने सीट बंटवारे को लेकर अपना पक्ष रखते हुए कहा, “सम्मानजनक ही होगा, सम्मानजनक समझौता किए बिना कौन गठबंधन में रहा है?” यह बयान उस समय आया जब बिहार में महागठबंधन की राजनीति और सीट बंटवारे पर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। चिराग के इस बयान से स्पष्ट होता है कि उनकी पार्टी इस बार किसी भी गठबंधन में किसी भी समझौते को बिना सम्मान के स्वीकार नहीं करने वाली है।
चिराग ने कांग्रेस की हालिया पटना बैठक पर तंज करते हुए कहा कि यह तो बस वर्चस्व की लड़ाई है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी आते हैं, तेजस्वी यादव के साथ यात्रा करते हैं, महफिल लूटकर चले जाते हैं। अब तो साफ दिख रहा है कि कांग्रेस और राजद के बीच सीधा वर्चस्व का संघर्ष शुरू हो चुका है।” चिराग ने कांग्रेस और राजद पर आरोप लगाया कि वे अपने निजी हितों के लिए एक-दूसरे से टकरा रहे हैं, जिससे महागठबंधन की स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं।
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चिराग पासवान ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़कर दिखाएं। चिराग ने यह भी याद दिलाया कि उनकी पार्टी ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले दम पर चुनाव लड़ा था और एक मजबूत प्रदर्शन किया था।
प्रियंका गांधी के बिहार दौरे और महिलाओं से संवाद कार्यक्रम पर टिप्पणी करते हुए चिराग ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है, लेकिन यह पहल उन्हें पहले करनी चाहिए थी। उनका कहना था कि अगर प्रियंका गांधी पहले बिहार आतीं, तो शायद पार्टी की स्थिति थोड़ी और मजबूत होती। वहीं, जब चिराग से चुनाव आयुक्त के बिहार दौरे पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसे परंपरा करार देते हुए कहा, “चुनाव से पहले ऐसा दौरा होना सामान्य है। इसे शुभ दिन की शुरुआत कहा जा सकता है। अब सीट फार्मूले पर भी बातचीत शुरू हो जाएगी, जो अगले चुनाव में अहम साबित होगी।”






















