केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने आज हाजीपुर दौरे के दौरान महाराष्ट्र के दो प्रमुख नेताओं उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दोनों नेताओं के हाल ही में मंच साझा करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कदम भाषा या विचारधारा के लिए नहीं, बल्कि अपनी “खोई हुई राजनीतिक जमीन” और “बाला साहब ठाकरे की विरासत” को बचाने की मजबूरी है।
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चिराग पासवान ने कहा, “जिस तरह से उद्धव और राज ठाकरे ने अपनी जमीन खोई है, उसी को वापस पाने के लिए एक मंच पर आए हैं। यह मंच उनकी महत्वाकांक्षाओं का मेल है, न कि विचारों का।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “हमें नहीं पता कि मनभेद दूर हुआ है या नहीं, लेकिन तस्वीर साथ में खिंचवा ली है – वो भी राजनीतिक लाभ के लिए।”
विपक्ष को आड़े हाथों लिया
विपक्ष द्वारा 9 जुलाई को बुलाए गए बिहार बंद पर चिराग पासवान ने कहा कि जब चुनाव आयोग बुलाता है तो विपक्ष के नेता नहीं जाते, और फिर आयोग पर ही मनमानी का आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा, “मैंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि अगर किसी को वोटर लिस्ट सुधारने में दिक्कत हो रही है, तो उनकी मदद करें। कई बार मृत लोगों के नाम लिस्ट में रह जाते हैं और जिनका हक होता है, वे वंचित रह जाते हैं। यह प्रक्रिया है, इसे राजनीति का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। विपक्ष को भी जनता की मदद करनी चाहिए।”
कानून व्यवस्था पर सवाल
पटना के एक पॉश इलाके में एक कारोबारी की हत्या पर भी चिराग पासवान ने बिहार सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “यह बहुत ही चिंता का विषय है। जब राजधानी के सबसे सुरक्षित इलाके में, जहां से 100 मीटर की दूरी पर थाना है और अधिकारी रहते हैं, वहां ऐसी घटना हो सकती है तो गांवों की स्थिति का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।” उन्होंने एक बार फिर से बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में ‘लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह ध्वस्त’ हो चुका है।