बिहार की राजनीति (Bihar politics) में इस वक्त जबरदस्त हलचल मची हुई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अचानक अपनी पार्टी की आपातकालीन बैठक बुलाकर राजनीतिक तापमान और बढ़ा दिया है। पटना स्थित पार्टी मुख्यालय में नेताओं का आना-जाना शुरू हो गया है, और सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि चिराग पासवान आज क्या बड़ा फैसला लेने वाले हैं।
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सूत्रों के अनुसार, आज की बैठक में भाजपा से सीट बंटवारे को लेकर हुए विवाद पर विस्तार से चर्चा होगी। यह वही मुद्दा है, जिसने एनडीए (NDA) के अंदर मतभेद की स्थिति पैदा कर दी है। माना जा रहा है कि चिराग पासवान इस बैठक के बाद एनडीए में बने रहने या अलग राह चुनने का बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
हालांकि दिलचस्प बात यह है कि चिराग खुद इस बैठक में शारीरिक रूप से शामिल नहीं होंगे। वह दिल्ली से ऑनलाइन बैठक को संबोधित करेंगे, जबकि पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी, बिहार प्रभारी सांसद अरुण भारती और अन्य नेता पटना स्थित मुख्यालय में मौजूद रहेंगे। राजनीतिक हलकों में यह माना जा रहा है कि अगर चिराग पासवान कोई बड़ा फैसला लेते हैं, तो इसका असर न केवल बिहार बल्कि केंद्र की राजनीति पर भी पड़ सकता है।

इसी बीच, जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सांसद उदय सिंह ने चिराग पासवान को एक खुला ऑफर देकर नई राजनीतिक चर्चा को जन्म दे दिया है। उन्होंने कहा, “हम गठबंधन की बात नहीं कर रहे हैं, हम सभी 243 सीटों पर लड़ेंगे, लेकिन अगर चिराग पासवान चाहें तो अपनी पार्टी का विलय जन सुराज पार्टी में कर सकते हैं। उन्हें यहां वह सम्मान मिलेगा, जो उन्हें एनडीए में कभी नहीं मिला और शायद कभी नहीं मिलेगा।”
उदय सिंह के इस बयान को बिहार की राजनीति में बड़ा सियासी संकेत माना जा रहा है। जन सुराज पार्टी लंबे समय से खुद को “नई राजनीति” की ताकत के रूप में पेश कर रही है, और अगर चिराग पासवान इस दिशा में कोई कदम बढ़ाते हैं, तो यह 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक नया समीकरण बना सकता है।






















