बिहार के विधानसभा चुनावों से पहले लोक जनशक्ति पार्टी — रामविलास (एलजेपी‑आर) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) की स्थिति खासी पेचीदा दिख रही है। उनकी ओर से लगातार यह संदेश जाता रहा है कि पहले गठबंधन में सीट बंटवारा स्पष्ट हो जाए, उसके बाद ही यह तय होगा कि उन्हें चुनाव लड़ना है या नहीं। इस बीच राजनीतिक गलियारों में उनके इरादों को लेकर तरह-तरह की अटकलें तेज हो गई हैं।
चिराग पासवान ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में दोहराया कि “लड़ना चाहिए या नहीं, यह निर्णय हमारे केंद्रीय संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा।” उनका कहना है कि पहले ये स्पष्ट होना चाहिए कि उनकी पार्टी को कितनी और किन सीटों पर चुनावी लड़ाई लड़नी है। इस पर जैसे ही गठबंधन में सीटों का बंटवारा पक्का हो जाएगा, उसी समय यह भी साफ किया जाएगा कि उनमें से कौन-सी सीटों पर वह स्वयं मैदान में उतरेंगे, और किसे पार्टी से आगे भेजेंगे।
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राजनीतिक पृष्ठभूमि में देखें तो चिराग ने पहले ही ‘बिहार बुला रहा है’ का नारा देकर मुख्यमंत्री पद की अर्जी जैसा माहौल तैयार किया था। लेकिन बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री हैं और आगे भी रहेंगे। शुरू में यह बात सामने आई थी कि वे आरा सीट से खुद चुनाव लड़ सकते हैं, और उनका बहनोई एवं सांसद अरुण भारती भी इस तरह की चर्चा में जुड़े। लेकिन बाद में चिराग ने यह संकेत दिया कि यदि पार्टी ने उन्हें विधानसभा में नहीं उतारा तो वे किसी और नाम को डिप्टी सीएम पद के लिए आगे लाएंगे — और इस दावेदारी में अरुण भारती का नाम जोरों से चलने लगा। चर्चा है कि वे सिकंदरा सीट से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं, जहां प्रफुल्ल मांझी हम पार्टी से विधायक हैं।






















