2025 के बिहार विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही प्रदेश की सियासत गर्माने लगी है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) अब पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गए हैं। आरा की सफल ‘नव संकल्प रैली’ के बाद अब वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में अपनी ताकत दिखाने की तैयारी में हैं।
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चिराग पासवान आगामी 29 जून को राजगीर के स्टेट गेस्ट हाउस मैदान में ‘बहुजन भीम संकल्प रैली’ को संबोधित करेंगे। पार्टी के नालंदा जिलाध्यक्ष सत्येंद्र पासवान मुकुट ने बताया कि यह रैली ऐतिहासिक होगी और इसमें मगध क्षेत्र के नवादा, शेखपुरा, गया और जहानाबाद जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे। रैली स्थल करीब 15 से 20 बीघा में फैला है और पार्टी को उम्मीद है कि यह पूरा मैदान खचाखच भर जाएगा।
चिराग की रणनीति: नीतीश के गढ़ में सीधी चुनौती
विशेष बात यह है कि यह रैली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में हो रही है। इसे राजनीतिक गलियारों में चिराग पासवान की रणनीतिक चाल के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी के एक प्रदेश स्तरीय नेता ने कहा, “आरा की रैली से चिराग पासवान ने अपनी चुनावी यात्रा का शंखनाद किया था, लेकिन राजगीर की रैली उनकी ताकत का प्रदर्शन होगी।” हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि एनडीए में कोई विरोधाभास नहीं है और यह रैली पूरी तरह से विपक्ष को जवाब देने के लिए की जा रही है।
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आरा से बड़ी रैली का दावा
गौरतलब है कि 8 जून को आरा के रमना मैदान में चिराग पासवान ने ‘नव संकल्प रैली’ की थी, जहां उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि “आप लोग जहां से चाहेंगे, वहां से मैं चुनाव लड़ूंगा।” पार्टी अब दावा कर रही है कि राजगीर की रैली आरा से भी बड़ी और ऐतिहासिक होगी। रैली को डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम से जोड़ कर बहुजन समाज को साधने की कोशिश की जा रही है। पार्टी इसे सामाजिक न्याय और दलित चेतना का मंच बता रही है। उल्लेखनीय है कि 6 जून को कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी राजगीर में एक बड़ी रैली कर चुके हैं। अब उसी क्षेत्र में चिराग पासवान की रैली को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है।