दुनिया के तीन बड़े ईसाई देशों- फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा ने बीते कुछ दिनों में फिलिस्तीन को मान्यता देने का ऐलान किया है। इन तीन सबसे शक्तिशाली पश्चिमी देशों ने फिलिस्तीनी स्टेट की मांग को मजबूती कर दिया है, जिसका 140 से ज्यादा देश पहले ही समर्थन करते हैं। इन तीन देशों के रुख की बड़ी वजह इजरायल के गाजा में तेज होते हमले और बढ़ता मानवीय संकट है। गाजा में भूख से मरते बच्चों की तस्वीरों ने दुनिया को बेचैन किया है लेकिन इजरायली सरकार ने सीजफायर की अपीलों को खारिज कर दिया है। इस बीच कनाडा, फ्रांस और ब्रिटेन ने फिलिस्तीनियो के लिए समर्थन दिखाया है।
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सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के सहयोगी फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा का कदम कई मायनों में प्रतीकात्मक हैं। इसने इजरायल के समर्थन में अमेरिका को अलग-थलग किया है। पश्चिमी देशों की ओर से फिलिस्तीन को मान्यता गाजा के क्रूर युद्ध को खत्म कर सकता है और बंधकों की रिहाई का रास्ता खोल सकता है लेकिन यह आसान नहीं है।
वहीं बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि उनको किसी भी सूरत में आजाद फिलिस्तीन स्वीकार नहीं है। फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा की अपीलों को उन्होंने खारिज किया है। इजरायल का ये कड़ा रुख, खासतौर से वहां दक्षिणपंथी सरकार के रहते हुए फिलिस्तीनी को मान्यता की तरफ कोई भी कदम और ज्यादा जटिल हो जाता है।