गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गोरखपुर में ‘पोषण पखवाड़ा 2025’ का उद्घाटन किया। यह 15 दिवसीय राष्ट्रीय अभियान, जो 8 अप्रैल से 22 अप्रैल तक चलाया जा रहा है, कुपोषण के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और पोषण संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए शुरू किया गया है। इस अभियान का आयोजन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना और पोषण से संबंधित सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन लाना है।
उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों और महिलाओं के पोषण पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने इस अभियान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए पोषण एक महत्वपूर्ण आधार है। समारोह में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने बच्चों में कुपोषण की गंभीर स्थिति पर चिंता जताई और इस दिशा में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। इस दौरान उन्होंने एक बच्चे को प्रतीकात्मक रूप से पोषण सामग्री भी प्रदान की।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) 2021 के अनुसार, भारत में लगभग 33 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। वहीं, ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) 2022 में भारत का स्कोर 29.1 रहा, जिसके साथ भारत 121 देशों में 107वें स्थान पर था, जो दक्षिण एशिया के अधिकांश देशों से भी पीछे है। ऐसे में पोषण पखवाड़ा जैसे अभियान कुपोषण की इस गंभीर समस्या से निपटने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
गोरखपुर से गहरे जुड़ाव रखने वाले योगी आदित्यनाथ, जो 1998 से 2017 तक यहां से सांसद रहे और 2014 से गोरखनाथ मठ के महंत भी हैं, इस क्षेत्र में सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी पहलों को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रभावशाली स्थिति का उपयोग कर रहे हैं। इस अवसर पर कई स्थानीय अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और आम नागरिक भी उपस्थित रहे।
पोषण पखवाड़ा 2025 के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पोषण जागरूकता शिविर, स्वस्थ आहार पर कार्यशालाएं और सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य जांच शामिल हैं। यह अभियान न केवल कुपोषण को कम करने में मदद करेगा, बल्कि लोगों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए भी प्रेरित करेगा।