बिहार के मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन में लड़कियों को 33 फीसदी आरक्षण को लागू करना एनडीए सरकार की योजना थी। लेकिन कभी ये योजना पूरी नहीं हुई। अब सीएम नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए हैं। तो भाजपा के नेता इस वादे को पूरा नहीं करने पर सीएम नीतीश पर जमकर हमला बोला है। मोर्चा खोला है पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी। मोदी ने सीएम नीतीश पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।
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मोदी ने सीएम नीतीश को घेरा
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके वादों की याद दिलाई है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार में नीतीश कुमार ने जो घोषणाएं की थी, उसे महागठबंधन में जाने के बाद भूल गए हैं। अगर नीतीश कुमार अपने वादों को लेकर सजग होते तो उन्होंने जो घोषणा की थी वह कब की पूरी हो गई होती।
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जून 2021 में सीएम नीतीश ने की थी घोषणा
सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि एनडीए की सरकार के समय नीतीश कुमार ने जो घोषणाएं की थी उसे महागठबंधन में जाने के बाद एक एक कर वे भूलते जा रहे हैं। जून 2021 में मुख्यमंत्री नीतीश ने यह घोषणा की थी कि सरकार मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजो में नामांकन में लड़कियों को 33 प्रतिशत का आरक्षण देगी। बिहार में 11 सरकारी और 7 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं। इन मेडिकल कॉलेजों में कुल 2021 सीटें हैं। डेंटल मेडिकल कॉलेजों में भी करीब 270 सीटें उपलब्ध हैं। एमबीबीएस और डेंटल मिलाकर 2291 कुल सीटें बिहार के अंदर हैं। अगर 33 प्रतिशत का आरक्षण मिला होता तो करीब 700 लड़कियों को इसका फायदा मिला होता।