जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है। गुरुवार को जम्मू में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। अब्दुल्ला ने बताया, “सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कुछ सख्त सवाल पूछे हैं। अभी सवाल-जवाब का सिलसिला चल रहा है, लेकिन हमें उम्मीद है कि जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा, तो मुस्लिम समाज में वक्फ बिल को लेकर जो परेशानियां हैं, उनका समाधान हो सकेगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर लगातार सक्रिय है और मुस्लिम समुदाय के हितों को लेकर प्रतिबद्ध है। इससे पहले 9 अप्रैल को नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर करेगी।
मुर्शिदाबाद हिंसा पर जताई चिंता
वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसक झड़पों पर भी उमर अब्दुल्ला ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हिंसा किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। हमें धैर्य के साथ काम करना चाहिए और अदालत पर भरोसा करना चाहिए।” बता दें कि मुर्शिदाबाद में 12 अप्रैल को इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में अब तक 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें हाल ही में 12 और लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का हाल
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। गुरुवार को हुई सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस कानून के पारित होने के बाद हुई हिंसा की निंदा की और इसे “बेहद परेशान करने वाला” बताया। कोर्ट ने संकेत दिया कि वह अगली सुनवाई में इस अधिनियम के कुछ प्रावधानों पर रोक लगा सकता है, जिसमें वक्फ संपत्तियों को डी-नोटिफाई करने की शक्ति और केंद्रीय वक्फ परिषदों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने जैसे मुद्दे शामिल हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करता है।
वक्फ संशोधन अधिनियम पर व्यापक बहस
वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर देशभर में तीखी बहस छिड़ी हुई है। जहां AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित कई पक्षों ने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, वहीं छह भाजपा शासित राज्यों ने इसका समर्थन किया है। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने इस मामले पर कहा, “वक्फ के नाम पर हो रही खुली लूट को अब रोका जा रहा है। इसका लाभ अब मुस्लिम महिलाओं, विधवाओं, बच्चों, शैक्षणिक और स्वास्थ्य केंद्रों को मिलेगा।” इस बीच, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा से इस संशोधन को खारिज करने वाला प्रस्ताव पारित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि यह मुद्दा देश के 24 करोड़ मुसलमानों की भावनाओं से जुड़ा है।