पटियाला: भारतीय सेना ने कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ के साथ हुई मारपीट के मामले में पारदर्शी और समयबद्ध जांच की मांग की है, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके। कर्नल बाठ ने आरोप लगाया है कि 13-14 मार्च की रात पटियाला में पार्किंग विवाद को लेकर पंजाब पुलिस के 12 कर्मियों ने उनके और उनके बेटे पर हमला किया। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले की जांच सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की, क्योंकि उन्हें पंजाब पुलिस के तहत निष्पक्ष जांच की संभावना नहीं दिखती।
सेना की सख्त प्रतिक्रिया
चंडीमंदिर स्थित पश्चिमी कमान मुख्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ, लेफ्टिनेंट जनरल मोहित वाधवा ने इस मुद्दे पर पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव के साथ प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा, “हम दोषियों को सजा दिलाने और व्यवस्था में विश्वास बहाल करने के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग करते हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस घटना से सेना और पुलिस के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंधों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
पंजाब पुलिस की कार्रवाई
पंजाब पुलिस ने कर्नल बाठ की शिकायत पर 22 मार्च को नई प्राथमिकी दर्ज की और मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। इसमें शामिल सभी 12 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। डीजीपी यादव ने कहा, “हम सेना के प्रति गहरा सम्मान रखते हैं और इस मामले में शामिल किसी भी दोषी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने भरोसा दिलाया कि जांच तेजी से पूरी होगी ताकि दोषियों को शीघ्र सजा मिल सके।
जानें पूरी कहानी
सेना को इस घटना की जानकारी 15 मार्च को मिली थी, जिसके बाद कर्नल बाठ को सैन्य अस्पताल में रेफर किया गया। फिलहाल, उनका इलाज चंडीमंदिर कमान अस्पताल में हो रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल वाधवा ने आश्वस्त किया कि भारतीय सेना इस मामले को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस मामले को राज्य प्रशासन और पंजाब पुलिस के उच्चतम स्तर पर उठाया गया है, ताकि जल्द से जल्द न्याय मिल सके। अब मामला विशेष जांच दल के पास है, और सेना यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह सतर्क है कि जांच निष्पक्ष और त्वरित रूप से पूरी हो।