केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के कद्दावर नेता ललन सिंह को मुसलमानों कर वोट पर बोलना महंगा पड़ गया है। केंद्रीय मंत्री के खिलाफ BNS एक्ट के धारा 298, 299, 302, 352 के तहत मामला दर्ज कराया गया है, जिसको लेकर अगली सुनवाई की तारीख 4 दिसंबर मुकरर्र की गई है। दरअसल, बीते दिनों मुजफ्फरपुर में केंद्रीय मंत्री और जदयू के कद्दावर नेता ललन सिंह ने मुस्लिमों को लेकर बयान दिया था। अब इस बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के खिलाफ परिवाद दर्ज हो गया है।

मुजफ्फरपुर के सामाजिक कार्यकर्त्ता तमन्ना हाशमी ने मुजफ्फरपुर के CJM के कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया है। इसको लेकर परिवादी तम्मना हाशमी ने कहा कि बीते दिनों केंद्रीय मंत्री व जदयू नेता ललन सिंह मुजफ्फरपुर पहुंचे थे। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम को लेकर कहा था कि मुसलमान जदयू को वोट नहीं करता, इससे मुस्लिमों की भावनाएं आहत हुई है, क्योंकि इस पार्टी में सभी धर्म के लोग जुड़े है, बावजूद इस तरह का बयान देना बेहद निंदनीय है।

ललन सिंह ने सीधे तौर पर कहा था कि अल्पसंख्यक समाज के लोग जदयू को वोट नहीं देते है। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने मंच से बोलते हुए कहा कि बिहार में लालू राबड़ी जी के राज में अल्पसंख्यक की क्या स्थिति थी। मदरसा शिक्षकों को महज 3-4 हजार सैलरी मिलती थी। लेकिन, नीतीश राज में सातवें वेतन आयोग तक का लाभ मिल रहा है। लेकिन, अल्पसंख्यक समाज जदयू को वोट नहीं करता, गलत फहमी मत पालिए, हम मुगालते में नहीं है कि पहले नहीं देते थे, अब देते है। अल्पसंख्यक समाज के लोग कभी वोट नहीं करते है। लेकिन, सीएम नीतीश सबके बारे में सोचते हैं।
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ललन सिंह ने कहा था कि सीएम नीतीश कुमार कहते हैं कि जिसको जहां वोट देना है देने दीजिए। हम सरकार में है सबके लिए काम करेंगे। वहीं ललन सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज के लोग उन्हें वोट देते है जिन्होंने आजतक अल्पसंख्यक समाज के लिए कुछ नहीं किया। वहीं ललन सिंह ने अति पिछड़ा वर्ग के लोगो को कहा कि सीएम नीतीश ने अति पिछड़ा वर्ग को जोड़ने का काम किया। आज कुछ लोग आपको जाति में बांट रहे है, सावधान रहिएगा।