बिहार की राजधानी पटना बुधवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राजनीति के केंद्र में बदलने जा रही है। 24 सितंबर को सदाकत आश्रम में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC Meeting Patna) की बैठक का आयोजन होने जा रहा है, जो आज़ादी के बाद पहली बार बिहार में हो रही है। यह बैठक महज़ एक संगठनात्मक आयोजन नहीं, बल्कि कांग्रेस के भविष्य की रणनीति, विपक्षी एकजुटता और क्षेत्रीय राजनीति में पार्टी की भूमिका को फिर से परिभाषित करने की कोशिश मानी जा रही है।
इस ऐतिहासिक बैठक से पहले ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मंगलवार को पटना पहुंचे। लेकिन जैसे ही वे एयरपोर्ट से बाहर आए, उन्हें समर्थकों की बेकाबू भीड़ का सामना करना पड़ा। कांग्रेस कार्यकर्ता खड़गे के स्वागत में इतने उत्साहित थे कि एयरपोर्ट परिसर में अफरातफरी का माहौल बन गया। बिहार पुलिस और सीआईएसएफ तक स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहे।

पोर्टिको तक पहुंचने के बाद भी खड़गे की गाड़ी भीड़ के कारण आगे नहीं बढ़ पाई। इस अव्यवस्था से खड़गे नाराज़ दिखे। यह घटनाक्रम कांग्रेस के संगठनात्मक उत्साह को दर्शाता है, लेकिन साथ ही यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या पार्टी की ज़मीनी इकाइयाँ अब भी सार्वजनिक कार्यक्रमों में अनुशासन बनाए रखने के लिए तैयार हैं।
ढाई घंटे चली महागठबंधन की बैठक खत्म.. कांग्रेस नेता ने बताया सीट बंटवारे पर क्या हुई बात
CWC की इस बैठक को लेकर कांग्रेस के बड़े नेताओं का पटना पहुंचना शुरू हो गया है। बुधवार को सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य वरिष्ठ नेता बैठक में शिरकत करेंगे। इस एक्सटेंडेड CWC बैठक में प्रदेश अध्यक्षों, मुख्यमंत्रियों, कांग्रेस विधायक दल के नेताओं और विशेष आमंत्रित सदस्यों की मौजूदगी से यह स्पष्ट है कि पार्टी इस आयोजन को केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी नीति और रणनीति को अंतिम रूप देने का अवसर मान रही है।






















