नई दिल्ली : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पाकिस्तान के साथ हालिया युद्धविराम समझौते पर सरकार से पारदर्शिता की मांग की है। पार्टी ने सवाल उठाया है कि क्या यह भारत की कूटनीतिक नाकामी का संकेत है और क्या भारत ने तीसरे पक्ष, विशेष रूप से अमेरिका, की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद के विशेष सत्र की मांग की है, जिसमें सभी दलों को युद्धविराम की शर्तों के बारे में जानकारी दी जाए। पार्टी ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश क्रोधित था और सरकार ने सेना को कार्रवाई की खुली छूट दी थी, लेकिन फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट से कई सवाल खड़े हो गए हैं।
कांग्रेस ने पूछा कि क्या भारत ने ट्रंप के बयान से मध्यस्थता स्वीकार कर ली है और क्या शिमला समझौता अब रद्द हो गया है। पार्टी ने मांग की है कि सरकार एक सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाए ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल ने कहा, “हमारी सेना ने आतंकी ठिकानों को तबाह किया, लेकिन फिर जिस तरह से ट्रंप का ट्वीट आया, उससे हम सभी अचंभित हैं। इससे हम सभी के मन में बहुत सारे सवाल खड़े हुए हैं।”कांग्रेस का कहना है कि देश को यह जानने का हक है कि युद्धविराम में पाकिस्तान से क्या वादे लिए गए हैं और क्या भारत ने अपनी संप्रभुता को बनाए रखा है। पार्टी ने सरकार से आग्रह किया है कि वह जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित करे।