Bihar SIR: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य को लेकर पक्ष-विपक्ष में घमासान जारी है। सड़क से होकर यह लड़ाई अब सदन तक पहुंच गई है। बिहार में विधानमंडल का मॉनसून सत्र सहगल रहा है, जहां विपक्ष के नेता वोटर रिवीजन के मुद्दे को जोर शोर से उठा रहे हैं तो वहीं संसद में भी बिहार में हो रहे SIR का मुद्दा गर्म है। विपक्षी सांसदों ने आज संसद के मकर द्वार पर इसको लेकर प्रदर्श किया. प्रदर्शन करने वालों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और राजद के कई सांसद मौजूद थे।
कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने बिहार में जारी SIR के मुद्दे पर कहा कि ह लोकतंत्र का काला अध्याय है। हमारे दो मुद्दे बिल्कुल साफ़ हैं, हम लगातार SIR के मुद्दे पर लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन सरकार सुन नहीं रही है, हम गुंडाराज और SIR पर चर्चा चाहते हैं, हम इसके लिए स्पीकर के पास भी गए लेकिन उन्होंने कोई आश्वासन नहीं दिया। हम कल भी उनसे इस पर विचार करने का अनुरोध करेंगे। हमारी लड़ाई लोकसभा और विधानसभा दोनों में जारी रहेगी।”
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वहीं बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि चुनाव आयोग जो आंकड़े रख रही है और 24 जून को लिखित अधिसूचना में जारी किए गए आंकड़े के बीच कोई समन्वय नहीं है। वह फर्जी आंकड़े हैं। बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण भाजपा को चुनाव सौंपने की एक प्रक्रिया है। महाराष्ट्र में, चुनाव आयोग और भाजपा ने मिलीभगत की थी, उस पर सवाल पूछे गए थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। बिहार में, चुनाव आयोग स्पष्ट रूप से भाजपा की मदद करने के लिए एक विशेष गहन पुनरीक्षण लाया है। हम इसका हर तरह से विरोध करते हैं। बिहार में अभी बाढ़ का समय है, ऐसे में आप किसी को दस्तावेज़ के लिए भगा रहे है, यह उचित नहीं है।