दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आज कांग्रेस की बहुप्रचारित महारैली (Congress Maharally Delhi) आयोजित हो रही है। रैली की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मंच से केंद्र सरकार, चुनाव आयोग, EVM और SIR जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखेंगे। कांग्रेस इस रैली के जरिए यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि वह चुनावी व्यवस्था और लोकतांत्रिक संस्थाओं से जुड़े सवालों को सड़क से संसद तक उठाने के मूड में है।
हालांकि, इस महारैली से पहले ही सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा नेता सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने कांग्रेस की इस पहल पर तीखा हमला बोलते हुए इसे पूरी तरह विफल करार दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस अपनी लगातार चुनावी हार से घबराई हुई है और अपनी नाकामियों का ठीकरा EVM, SIR और चुनाव आयोग पर फोड़ना चाहती है। शाहनवाज़ हुसैन के मुताबिक, कांग्रेस के भीतर ही नेतृत्व को लेकर सवाल उठ रहे हैं और इन्हीं सवालों से ध्यान भटकाने के लिए रैलियों का सहारा लिया जा रहा है।
SIR के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल.. दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल रैली
भाजपा नेता ने यह भी याद दिलाया कि दिल्ली की जनता पहले ही कांग्रेस को शून्य पर आउट कर चुकी है और बिहार जैसे बड़े राज्य में भी पार्टी महज छह सीटों तक सिमट गई थी। उनके अनुसार, सिर्फ भीड़ जुटा लेने से कांग्रेस की सियासी सच्चाई नहीं बदलने वाली और न ही इससे जनता का भरोसा वापस आएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आत्ममंथन करने की जरूरत है, न कि संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगाकर अपनी हार छिपाने की।
दूसरी ओर, कांग्रेस समर्थकों का मानना है कि यह महारैली लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को लेकर जनता को जागरूक करने की कोशिश है। पार्टी नेताओं का तर्क है कि चुनावी सुधार और पारदर्शिता जैसे मुद्दे देश के हर नागरिक से जुड़े हैं और इन पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए। ऐसे में रामलीला मैदान की यह रैली सिर्फ राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि विपक्ष की ओर से एक वैचारिक लड़ाई का प्रतीक भी मानी जा रही है।






















