बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार का दौरा किया और दो बार (18 जनवरी और 5 फरवरी) राज्य में आए। इस दौरे के दौरान एक घटना ने सबका ध्यान खींचा, जब राहुल गांधी के साथ माउंटेन मैन दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी की एक फोटो वायरल हुई। अगले दिन ही बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भागीरथ मांझी को पार्टी की सदस्यता दिलाई, जिसके बाद अटकलें लगने लगीं कि राहुल गांधी ने उन्हें कोई बड़ा ऑफर दिया है।
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अब इस बारे में खुद भागीरथ मांझी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में बड़ा खुलासा किया है। जब उनसे पूछा गया कि क्या राहुल गांधी ने उन्हें कोई ऑफर दिया है, तो भागीरथ मांझी ने बताया कि राहुल गांधी ने उन्हें अपने पास बिठाया, उन्हें अपने हाथों से ग्लास देकर पानी पिलाया और उन्हें विधायक बनाने का वादा किया।
भागीरथ मांझी ने यह भी दावा किया कि राहुल गांधी ने बोधगया सीट से उन्हें टिकट देने का वचन दिया है, और इस वजह से वे कांग्रेस में शामिल हुए हैं। गौरतलब है कि बोधगया सीट फिलहाल महागठबंधन के खाते में है और यहां से आरजेडी के विधायक सर्वजीत हैं, जो महागठबंधन सरकार में कृषि मंत्री भी रह चुके हैं।
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जब भागीरथ मांझी से पूछा गया कि आखिर उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का मन क्यों बनाया, तो उन्होंने कहा कि उनके पिता दशरथ मांझी ने जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी, तो उन्होंने कई विकासात्मक मांगें रखी थीं – जैसे कि गांव में सड़क पक्की करना, नदी पर पुल बनाना, सुरक्षा के लिए थाना और अस्पताल बनवाना, और किसानों के लिए भवन बनवाना।
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उन्होंने बताया, “नीतीश कुमार ने सभी मांगें पूरी कीं, लेकिन उन्होंने कभी हमारे परिवार के बारे में नहीं सोचा। हमें कभी यह जानने की कोशिश नहीं की गई कि हम कैसे जीवन व्यतीत कर रहे हैं।” भागीरथ मांझी ने आगे कहा कि उनकी बहू को आंगनबाड़ी सेविका बना दिया गया, लेकिन यह कोई सरकारी नौकरी नहीं थी। वहीं, उनके पिता दशरथ मांझी का स्मृति भवन तो बना दिया गया, लेकिन उसमें कोई सफाई कर्मचारी नहीं रखा गया। उन्होंने कहा, “अगर उसमें हमारे परिवार के किसी सदस्य को रखा गया होता तो उसे भी सरकारी नौकरी मिल जाती।”
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भागीरथ मांझी ने अंत में कहा, “अभी भी हमारे गांव में बहुत काम बाकी है। यहां हाई स्कूल नहीं है, और गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है। जब मैंने ये सब राहुल गांधी से साझा किया, तो उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि सब कुछ बन जाएगा।”