कोलकाता: पश्चिम बंगाल के कालिगंज उपचुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) के उत्सव के दौरान एक विस्फोट में 13 वर्षीय लड़की की मौत के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज कोलकाता में राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
इस घटना में एक नाबालिग लड़की की मौत हो गई, जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाते हुए विरोध मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने “पश्चिम बंगाल में पोस्ट पोल्स की कानून-व्यवस्था की स्थिति में विफलता” जैसे नारे लिखे हुए पोस्टर और बैनर हाथ में लिए हुए थे।
बता दें कालिगंज उपचुनाव के नतीजों की घोषणा से पहले TMC कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित एक जश्न के दौरान हुए विस्फोट में एक 13 वर्षीय लड़की की मौत हो गई। यह घटना स्थानीय पुलिस स्टेशन के अधिकारियों द्वारा पुष्टि की गई। विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने TMC पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी एक “क्रिमिनल सिंडिकेट” में बदल गई है। उन्होंने कहा, “नतीजे आने से पहले ही कालिगंज में एक नाबालिग लड़की की मौत हो गई। केवल ममता बनर्जी के बंगाल में ही चुनावी उत्सव आतंकवादी हमले जैसा दिखता है।
चुनाव आयोग ने इस घटना पर रिपोर्ट मांगी है, जिससे स्थिति की गंभीरता और जवाबदेही की जरूरत को रेखांकित किया गया है। देखा जाये तो पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा कोई नई बात नहीं है। हाल के वर्षों में, राज्य में हर प्रमुख चुनाव हिंसा से ग्रस्त रहा है, और यहां तक कि उपचुनाव भी इससे अछूते नहीं रहे। कालिगंज उपचुनाव भी हिंसा से प्रभावित रहा, जहां एक युवा लड़की की मौत हो गई।
यह घटना और इसके बाद का प्रदर्शन राज्य में कानून-व्यवस्था और चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन न केवल इस विशेष घटना के खिलाफ है, बल्कि पश्चिम बंगाल में बार-बार होने वाली चुनावी हिंसा के खिलाफ एक व्यापक संदेश भी है।