कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर दिए गए बयान को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। सोनिया गांधी ने बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि “पुअर लेडी, वह बहुत थकी नजर आ रही थीं। बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थीं।” इस बयान के बाद भाजपा ने तीखी आलोचना की और माफी की मांग की, वहीं राष्ट्रपति भवन ने भी इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि “इस तरह के बयान से गरिमा तार-तार हुई है और इससे बचा जा सकता था।”
पीएम मोदी का तीखा हमला
इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर सीधा हमला बोला। दिल्ली के द्वारका में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “राष्ट्रपति जी ने संसद को संबोधित किया और देश की उपलब्धियों को बताया। वह ओडिशा के जंगलों से निकलकर राष्ट्रपति बनीं, उनकी मातृभाषा हिंदी नहीं है, फिर भी उन्होंने हिंदी में शानदार भाषण दिया। लेकिन कांग्रेस को आदिवासी बेटी का बोलना बोरिंग लगता है। यह सिर्फ राष्ट्रपति का नहीं, बल्कि देश के 10 करोड़ आदिवासियों का अपमान है।”
उन्होंने आगे कहा कि “कांग्रेस का शाही परिवार जमीन से उठकर आने वाले लोगों को पसंद नहीं करता। गरीब, दलित, आदिवासी और ओबीसी समाज से जो भी आगे बढ़ता है, उसे ये लोग अपमानित करते हैं।” वहीं भाजपा के कई नेताओं ने इस बयान को लेकर कांग्रेस पर हमला बोल दिया और सोनिया गांधी से बिना शर्त माफी की मांग की। पार्टी ने इसे महिला, आदिवासी और राष्ट्रपति पद की गरिमा का अपमान बताया।