नई दिल्ली: कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा को समन भेजे जाने को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने इसे विपक्ष को डराने और बदनाम करने की “राजनीतिक साजिश” करार दिया और कहा कि जांच एजेंसियों का इस्तेमाल अब सत्तारूढ़ दल के “राजनीतिक हथियार” के रूप में हो रहा है।
मीडिया को संबोधित करते हुए श्रीनेत ने कहा, “2014 के बाद ED के 95% मामले विपक्षी नेताओं के खिलाफ दर्ज किए गए, लेकिन दोषसिद्धि दर न के बराबर है। इससे साफ होता है कि ED, CBI और आयकर विभाग जैसी संस्थाएं अब BJP के इशारों पर नाच रही हैं।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ 2009 के पेट्रोलियम सौदे और कथित विदेशी संपत्तियों से जुड़े मामलों की जांच लगभग दो दशक से चल रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस सबूत सार्वजनिक नहीं किया गया।
“अगर 20 साल पुराने मामले में आज भी ED सिर्फ समन भेज रही है, तो यह जांच नहीं, राजनीतिक प्रतिशोध है।” सुप्रिया श्रीनेत ने राजस्थान के कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ ED की हालिया कार्रवाई को भी इसी श्रेणी में रखा। उन्होंने कहा कि यह एक ट्रेंड बन चुका है कि चुनावों से ठीक पहले या राजनीतिक हलचल के समय विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जाता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह रणनीति केवल विपक्ष की छवि धूमिल करने के लिए अपनाई जा रही है, जबकि एजेंसियां अदालत में दोष सिद्ध करने में विफल रहती हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का भी मानना है कि विपक्षी नेताओं पर ED की बढ़ती सक्रियता ने चुनावी मौसम में सियासी माहौल को और गरमा दिया है। अब निगाहें इस बात पर हैं कि ED वाड्रा मामले में अगला कदम क्या उठाती है और कांग्रेस इसका मुकाबला किस रणनीति से करती है।