बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सियासत में रोजगार का मुद्दा एक बार फिर केंद्र में आ गया है। इस बार कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार पर बेरोजगारी को लेकर बड़ा हमला बोला है। ‘नौकरी दो या सत्ता छोड़ो’ के नारे के साथ कांग्रेस ने बुधवार को राज्य के 25 जिलों में स्थित नियोजन कार्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन किया। राजधानी पटना में भी आयकर चौराहा स्थित नियोजन कार्यालय के बाहर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने प्रदर्शन के दौरान कहा, “बिहार में लगभग 5 लाख पद खाली हैं, लेकिन नीतीश सरकार इन पर बहाली नहीं कर रही है। हमारी मांग है कि सभी रिक्त पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति की जाए, नहीं तो सरकार को सत्ता छोड़नी होगी।” शकील अहमद खान ने कहा कि आज का आंदोलन सिर्फ एक शुरुआत है, और अगर सरकार ने बेरोजगारी के मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी तो कांग्रेस इस आंदोलन को और व्यापक बनाएगी।

प्रदर्शन में मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि बीते 20 वर्षों में बिहार की सरकारों ने युवाओं को केवल ठगा है। “आज राज्य के 75% युवाओं को रोज़गार की तलाश में पलायन करना पड़ा है। बेरोजगारी अब चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है,” उन्होंने कहा।
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मिश्रा ने राज्य में पेपर लीक की बढ़ती घटनाओं पर भी चिंता जताई और कहा कि एसएससी, बीपीएससी, नीट और यूजीसी जैसी परीक्षाओं में गड़बड़ी से युवा हताश हैं। उन्होंने मांग की कि सभी पेपर लीक मामलों की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। कांग्रेस नेताओं ने सात लाख से अधिक संविदा कर्मियों को स्थायी करने की भी मांग की और सरकार पर इस विषय में उदासीनता बरतने का आरोप लगाया।