नई दिल्ली : देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने सोमवार को बताया कि कोविड-19 के नए वेरिएंट्स केवल हल्के लक्षणों के साथ सामने आ रहे हैं। ICMR ने ओमिक्रॉन के चार सब-वेरिएंट्स LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 की पहचान की है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में फैल रहे हैं।
ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. राजीव बहल ने कहा, “हम सैंपल्स की टेस्टिंग कर रहे हैं ताकि बढ़ते मामलों के पीछे की वजह का पता लगाया जा सके। अभी तक जो चार वेरिएंट्स मिले हैं, वे ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट्स हैं और इनसे ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण ही देखे गए हैं।” स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, सोमवार तक देश में कुल 1,009 एक्टिव कोविड-19 केस दर्ज किए गए, जिनमें हाल ही में 752 नए मामले सामने आए हैं। केरल में सबसे ज्यादा 430 एक्टिव केस हैं।
दिल्ली में स्थिति नियंत्रण में, अस्पताल तैयार
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने लोगों से घबराने की बजाय सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा, “दिल्ली में 104 एक्टिव केस हैं, लेकिन सभी मरीजों में हल्के लक्षण जैसे बुखार, खांसी और सर्दी देखे जा रहे हैं। यह एक सामान्य वायरल बीमारी की तरह है।” उन्होंने बताया कि दिल्ली के अस्पतालों को बेड्स, ऑक्सीजन, जरूरी दवाइयों और उपकरणों के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। “यह सिर्फ एक एहतियात है, घबराने की कोई जरूरत नहीं। हमारे अस्पताल और डॉक्टर्स पूरी तरह तैयार हैं,” उन्होंने कहा।
WHO ने नए वेरिएंट्स को मॉनिटरिंग में रखा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने LF.7 और NB.1.8.1 सब-वेरिएंट्स को ‘वेरिएंट्स अंडर मॉनिटरिंग’ कैटेगरी में रखा है। इसका मतलब है कि इनमें ऐसी म्यूटेशन्स हैं जो वायरस के व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन इन्हें अभी ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ या ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है। ICMR ने कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
डॉ. राजीव बहल ने वैक्सीन की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि सरकार ने नए वैक्सीन्स बनाने के लिए प्लेटफॉर्म्स तैयार किए हैं। उन्होंने बताया, “अगर भविष्य में कोई नया वेरिएंट आता है, तो हमारे पास दो विकल्प होंगे- पहला, मौजूदा वैक्सीन्स की प्रभावशीलता को जांचना, और दूसरा, नए वेरिएंट के लिए खास वैक्सीन विकसित करना।”
हाल के दिनों में भारत में NB.1.8.1 और LF.7 सब-वेरिएंट्स के कुछ मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के डेटा के अनुसार, अप्रैल में तमिलनाडु में NB.1.8.1 का एक मामला और मई में गुजरात में LF.7 के चार मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अभी स्थिति चिंताजनक नहीं है, लेकिन हाई-रिस्क ग्रुप्स को बूस्टर डोज लेने और सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने, हाथों की स्वच्छता बनाए रखने और सामाजिक दूरी का पालन करने की सलाह दी है। साथ ही, सरकार ने स्थानीय स्तर पर निगरानी, त्वरित टेस्टिंग और जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया है।
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता और जागरूकता जरूरी है।