पटना: 12 फरवरी, बुधवार को माघ पूर्णिमा के अवसर पर महाकुंभ में शामिल होने के लिए पटना जंक्शन पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस की एसी बोगी में जबरन चढ़ने की कोशिश ने स्थिति को पूरी तरह से अनियंत्रित कर दिया। आरक्षित सीटों के लिए बैठे यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने का मौका तक नहीं मिला, जबकि कई अन्य यात्री धक्का-मुक्की करते हुए ट्रेनों में चढ़ने में सफल हो गए।
घटना के बाद प्लेटफार्म पर अफरातफरी मच गई, और आरपीएफ तथा जीआरपी को स्थिति को काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। रेल पुलिस ने एसी बोगी में चढ़े हुए यात्रियों को हाथ पकड़कर बाहर निकालने की कोशिश की, जिसके बाद यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया। धक्का-मुक्की के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया, जिससे हालात और जटिल हो गए। पुलिस के हल्के बल प्रयोग से ही स्थिति को नियंत्रित किया जा सका।
परिवार के साथ महाकुंभ पहुंचे मुकेश अंबानी… संगम में लगाई डुबकी
यह घटना प्लेटफार्म नंबर चार पर घटित हुई, और ठीक उसी समय कुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफार्म नंबर पांच पर आ रही थी। यहां भी यात्रियों और पुलिस के बीच कहासुनी हो गई। रेलवे का कहना है कि माघ पूर्णिमा के स्नान के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में अचानक भारी वृद्धि हो गई, जिससे रेलवे सिस्टम पर दबाव बढ़ गया।
इसी तरह की स्थिति मंगलवार को भी देखने को मिली, जब 12367 भागलपुर-आनंद विहार विक्रमशिला एक्सप्रेस पटना जंक्शन पर आई। महाकुंभ के लिए यात्रा करने वाले करीब 2000 श्रद्धालु बिना टिकट और आरक्षित सीट के बावजूद ट्रेन में चढ़ गए। कई यात्री अपनी आरक्षित सीट पर बैठने के लिए भी संघर्ष करते रहे।
तारिक अनवर के बस एक पोस्ट से बिहार की सियासत में खलबली… जेडीयू-बीजेपी ने कसा तंज
मंगलवार को हावड़ा से रामनगर जाने वाली विभूति एक्सप्रेस, संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस, मगध, पूर्वा, तेजस राजधानी, विक्रमशिला एक्सप्रेस और पटना-प्रयागराज स्पेशल कुंभ एक्सप्रेस में भी भारी भीड़ देखने को मिली। सुबह पांच बजे विभूति एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए यात्रियों ने धक्का-मुक्की की, और एक बार चेनपुलिंग भी करनी पड़ी। विक्रमशिला और संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस में भी स्थिति लगभग ऐसी ही थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, स्लीपर से लेकर वातानुकूलित बोगियों तक, और आरक्षित बर्थ में भी यात्रियों ने कब्जा कर लिया। रेल सुरक्षा बल ने भी स्थिति को नियंत्रित करने में कठिनाई महसूस की। मगध एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर तीन पर और पूर्वा प्लेटफार्म नंबर चार पर आईं, लेकिन इन दोनों ट्रेनों में भीड़ के आगे रेलवे का सिस्टम पूरी तरह से विफल नजर आया। दिल्ली जाने वाली इन दोनों ट्रेनों में सुरक्षा बल के पास बिना टिकट और बिना आरक्षित बर्थ के यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं थे।
राजेंद्रनगर टर्मिनल से पटना जंक्शन पहुंचने पर, अधिकतर एसी और स्लीपर कोच के मेन गेट बंद थे। पहले से ट्रेन में बैठे यात्रियों ने गेट खोलने नहीं दिया, जिससे भीड़ और तनावपूर्ण हो गई। स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि महिला और बच्चे भी भीड़ में फंसे हुए थे, और किसी तरह की मदद नहीं मिल रही थी।