जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा (Sanjay Jha) की दोनों बेटियों को सुप्रीमकोर्ट में बिहार सरकार का वकील बनाया गया। इसको लेकर राजद ने निशाना साधा है। राजद ने कहा कि जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा की दोनों सुपुत्रियों को सुप्रीम कोर्ट में एक ही दिन Group’A’ Panel Counsel बनवा दिया जाता है जिन्हें कोई विशेष कार्य अनुभव भी नहीं है।
राजद ने तंज कसते हुए कहा कि जदयू के कितने दलित, पिछड़े और अतिपिछड़े नेताओं, सांसदों, मंत्रियों अथवा कार्यकर्ताओं के बेटे-बेटियों को यह विशेषाधिकार प्राप्त है कि एक ही दिन में बिना अनुभव के यह उपलब्धि प्राप्त कर लें। लेकिन पिछड़े-अतिपिछड़े और दलित इसलिए ही तो वंचित ठहरे? दलितों-पिछड़ों-अतिपिछड़ों की मेरिट, प्रतिभा, हक़ और अधिकार को कैसे छिनकर भी कुछ लोग बेशर्मी से जन्मजात श्रेष्ठ और मेरिटधारी बने रहने का स्वांग रचते है यह इसका क्लासिकल उदाहरण है।
वहीं इससे पहले तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया था कि जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की दो बेटियों को सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार का वकील बना दिया गया है। दोनों को बिहार सरकार का एडवोकेट ऑन रिकार्ड बनाया गया है। जिन वकीलों के पास 20-20 साल का अनुभव होता है, उन्हें भी ये पद नहीं मिल पाता है। लेकिन कार्यकारी अध्यक्ष के दो बेटियों को एडवोकेट ऑन रिकार्ड के पद से नवाजा गया है।
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तेजस्वी यादव ने कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट में वकील बनाने के लिए बिहार सरकार को कोई दूसरा काबिल वकील नहीं मिला। सुप्रीम कोर्ट में बेहद गंभीर मामलों की सुनवाई होती है। वहां आरक्षण, जातीय जनगणना, गंभीर अपराध, बड़े भ्रष्टाचार जैसे मामलों की सुनवाई होती है। क्या जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष की बेटियां ऐसे केस लड़ने में सक्षम हैं। जाहिर है बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट में अपना केस हारना मंजूर है। तभी अनुभवहीन बच्चियों को पद दे दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट में वकील की नियुक्ति के लिए स्पेशल आर्डर निकाला गया। 20 साल के अनुभव वाले को जगह नहीं मिलती है। लेकिन इन दोनों को साल-दो साल का अनुभव नहीं है और उन्हें एओआर बना दिया गया। खास बात ये भी है कि जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष की पुत्रियों की नियुक्ति के लिए पदों को जानबूझ कर लंबे समय तक खाली रखा गया। यानि बिहार सरकार जानबूझ कर सुप्रीम कोर्ट में केस हारना चाह रही थी।
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तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी आकर परिवारवाद पर भाषण देते हैं, लेकिन बिहार में क्या हो रहा है। परिवार के लोगों को छिपा-छिपा कर रेवड़ी खिलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी को बिहार के लिए स्पेशल अरेजमेंट कर देना चाहिये। परिवारवाद पर हमलोगों को ज्ञान देते हैं, लेकिन ये लोग क्या कर रहे हैं। उस पर कुछ बोलेंगे?