बिहार के भोजपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत भरौली गांव में मंगलवार देर शाम एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जब युवा भाजपा नेता राकेश विशेश्वर ओझा उर्फ राकेश रंजन पर जानलेवा हमला किया गया। वे तिलक समारोह से लौट रहे थे, तभी गोपी बाबा मंदिर के पास उनकी स्कॉर्पियो पर अज्ञात लोगों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
बताया जा रहा है कि हमलावर दूसरी स्कॉर्पियो में सवार थे, जिन्होंने ओवरटेक कर राकेश ओझा की गाड़ी को निशाना बनाते हुए तीन से चार राउंड गोलियां चलाईं। सौभाग्यवश इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ और भाजपा नेता समेत उनकी गाड़ी में सवार सभी लोग सुरक्षित बच निकले।
हमले के संबंध में राकेश ओझा ने शाहपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें करनामेपुर थाना क्षेत्र के सोनवर्षा गांव निवासी शिवाजीत मिश्रा, उनके बेटे किशुन मिश्रा और भरौली के पूर्व पैक्स अध्यक्ष संत मिश्रा को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। इसके साथ ही एक अज्ञात व्यक्ति पर भी आरोप लगाया गया है। सभी पर पुरानी दुश्मनी के चलते जान से मारने की नीयत से फायरिंग करने का आरोप है।
गौरतलब है कि राकेश ओझा, 2016 में मारे गए भाजपा के वरिष्ठ नेता विशेश्वर ओझा के पुत्र हैं। विशेश्वर ओझा की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
राजनीतिक साजिश का आरोप
इस बीच, शाहपुर प्रखंड प्रमुख संगीता देवी ने भाजपा नेता राकेश ओझा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राकेश ओझा ने उनके ससुर शिवाजीत मिश्रा और देवर किशुन मिश्रा को झूठे केस में फंसाने की साजिश रची है। संगीता देवी ने बताया कि फायरिंग की घटना के समय उनके परिजन आरा में एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने के बाद भरौली गांव के धनंजय मिश्रा के घर आयोजित तिलक समारोह में पहुंचे थे, जहां राकेश ओझा पहले से मौजूद थे। उनके आने के बाद ओझा वहां से चले गए थे।
प्रमुख ने दावा किया कि उनके ससुर और देवर घटना के बाद सीधे घर लौट आए थे, जहां कुछ ही समय बाद पुलिस पहुंची और गाड़ी की तलाशी ली, लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। उन्होंने यह भी कहा कि उनका परिवार लंबे समय से सामाजिक और राजनीतिक रूप से सक्रिय रहा है। उनकी सास पंचायत मुखिया रही हैं और वे खुद प्रखंड प्रमुख हैं।
संगीता देवी ने एसपी और डीआईजी समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को आवेदन देकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। शाहपुर थानाध्यक्ष कुमार रजनी कांत ने जानकारी दी कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है। पुलिस दोनों पक्षों के दावों की गंभीरता से जांच कर रही है।