नई दिल्ली – ईरान और इजरायल के बीच जारी सैन्य संघर्ष ने रविवार को एक नया मोड़ ले लिया, जब ईरान ने इजरायल के प्रमुख शहरों तेल अवीव और हाइफा पर करीब 50 बैलिस्टिक मिसाइलों और दर्जनों ड्रोन से हमला किया। इस हमले में हाइफा में एक महिला की मौत की खबर सामने आई है, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को “ईरान की ओर से एक और उकसावे” के रूप में वर्णित किया और चेतावनी दी कि इजरायल हर हाल में अपनी रक्षा करेगा। दूसरी ओर, ईरान ने दावा किया है कि उसने इजरायल के तेल अवीव, हाइफा और बें गुरियन हवाई अड्डे को निशाना बनाया है, जहां जोरदार विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं।
इससे पहले, 14 जून को इजरायल ने ईरान के तेहरान में स्थित परमाणु सुविधाओं और तेल प्रतिष्ठानों पर हमला किया था, जिसके जवाब में ईरान ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। ईरानी अधिकारियों का दावा है कि उनके मिसाइलों ने इजरायल के हवाई रक्षा प्रणाली ‘आयरन डोम’ को विफल कर दिया और लक्ष्यों को सफलतापूर्वक भेदा।
क्षेत्रीय प्रभाव और चिंताएं
इस सैन्य गतिरोध ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है, जहां दोनों देश लंबे समय से छद्म युद्ध लड़ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल का उद्देश्य केवल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बाधित करना नहीं, बल्कि ईरानी शासन को अस्थिर करना भी है।
हालांकि, ईरान के अंदरूनी हालात, जैसे उच्च मुद्रास्फीति और गिरती मुद्रा मूल्य, इस संघर्ष को और जटिल बना सकते हैं।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि ईरान अमेरिकी ठिकानों पर हमला करता है, तो अमेरिका ऐसी ताकत के साथ जवाब देगा, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया।
जनता की प्रतिक्रिया
यमन की राजधानी सना में हजारों लोग रातोंरात सड़कों पर उतर आए और ईरानी हमलों का जश्न मनाते हुए नजर आए। वहीं, इजरायल में सायरन बजने के बाद लोग आश्रयों की ओर दौड़ते देखे गए, जिससे वहां दहशत का माहौल बन गया।
इस संघर्ष का क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव व्यापक हो सकता है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के शहरों को नष्ट करने की धमकी दी है, और यह युद्ध लगातार तेज होता जा रहा है।