बिहार की राजनीति में इन दिनों बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के सुप्रीमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए उसे “निकम्मी सरकार” करार दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों में बिहार में एक भी कल-कारखाना नहीं लगा, जिससे बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है। भ्रष्टाचार, लूट और अपराध बढ़ चुके हैं, और प्रशासन पूरी तरह से विफल हो चुका है।
“सरकार निकम्मी, बेरोजगारी चरम पर” – पारस
भोजपुर जिले के बिहियां प्रखंड के भड़सरा गांव में स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय बाबू चंद्रिका सिंह यादव की 30वीं पुण्यतिथि समारोह में पहुंचे पशुपति पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला किया। उन्होंने कहा कि “बिहार में 20 वर्षों से सरकार निकम्मी बनी हुई है। एक भी कल-कारखाना नहीं लगाया गया। न युवाओं के लिए रोजगार है, न ही कानून-व्यवस्था की कोई सुध लेने वाला है। आपका जिला ही देख लीजिए, लूट की घटनाएं बढ़ रही हैं। क्या यही सुशासन है?”
“महिला के पैर में कील ठोक दी गई, लेकिन प्रशासन मौन”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बिहार में बढ़ते अपराधों का उदाहरण देते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री के गृह जिले में एक महिला के पैर में कील ठोक दी गई, लेकिन किसी मंत्री या अधिकारी ने सुध तक नहीं ली। यह साबित करता है कि बिहार में प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं बची है।”
अमित शाह के ‘बिहार कैंप’ पर तंज
गृह मंत्री अमित शाह के बिहार में लगातार कैंप करने को लेकर पशुपति पारस ने चुटकी लेते हुए कहा कि “कितना कैंप करेंगे? जनता ही मालिक है और जनता सर्वोपरि है। चौकी पर बैठने वाला चौकीदार और जमीन पर बैठने वाला जमींदार होता है। इस बार जनता बदलाव की ओर बढ़ रही है।”
पशुपति पारस के इस बयान ने बिहार की राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ा दी है। जहां एक ओर उनकी पार्टी खुद सत्ता के समीकरणों का हिस्सा बनने की कोशिश में है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने सरकार की नाकामियों को जनता के सामने रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी।