दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान तो जारी है। इस बीच तमाम एग्जिट पोल्स के परिणाम जल्द ही घोषित किए जाएंगे। मतदान समाप्त होने के बाद 6 बजे के आसपास एग्जिट पोल्स जारी होंगे। पहले रुझान और आंकड़े 6.30 बजे तक सामने आने की संभावना है। असली परिणाम 8 फरवरी, शनिवार को घोषित किए जाएंगे।
पिछले दो चुनावों में, यानी 2015 और 2020 में, एग्जिट पोल्स ने आम आदमी पार्टी (AAP) को आराम से विजेता बताया था, और दोनों ही बार वास्तविक जीत का अंतर पोल्स से कहीं ज्यादा था। 2015 में एग्जिट पोल्स ने AAP को 42 सीटें दी थीं, लेकिन पार्टी ने 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं 2020 में यह संख्या 56 से बढ़कर 62 हो गई थी।
इस चुनाव में मतदान सुबह 7 बजे से शुरू हुआ और मतदान केंद्रों पर आमतौर पर शांति रही। हालांकि, कुछ हलचलें भी देखने को मिलीं, जैसे ‘बूथ कैप्चरिंग’, ‘फर्जी वोटिंग’ और वोटों के बदले नकद वितरण के आरोप लगे।
- आम आदमी पार्टी का आरोप: AAP के नेताओं ने आरोप लगाया कि BJP के कार्यकर्ता मतदाताओं को नकद दे रहे हैं। खासकर, AAP के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और ग्रेटर कैलाश के विधायक सौरभ भारद्वाज ने इन आरोपों को लेकर बीजेपी को घेरा। मनीष सिसोदिया ने जंगपुरा सीट पर अपने चुनावी अभियान के दौरान कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ता वोटरों को पैसे दे रहे हैं। वहीं, सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया कि वह कुछ वोटरों को रोक रही है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है।
- BJP का पलटवार: BJP ने भी आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाए। बीजेपी के स्थानीय प्रमुख विरेंद्र सचदेवा ने AAP पर “फर्जी वोटिंग को बढ़ावा देने” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “दिल्ली में बदलाव की लहर है और बीजेपी इस चुनाव में जबरदस्त वापसी करेगी।”
- चुनाव में अहम भूमिका: 2025 के चुनाव को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी के बीच सीधी टक्कर के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि कांग्रेस, जो 2015 और 2020 के चुनावों में शून्य पर रही, इस बार पूरे दमखम के साथ मैदान में है।
AAP की हैट्रिक या BJP का कमबैक?
अगर AAP शनिवार को जीत हासिल करती है, तो यह पार्टी की तीसरी लगातार जीत होगी, भले ही बीजेपी ने पूरी ताकत से प्रचार किया हो। BJP ने चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में जोरदार मेहनत की है। इस प्रचार का बड़ा हिस्सा दिल्ली सरकार की शराब नीति पर भ्रष्टाचार के आरोपों के इर्द-गिर्द घूम रहा था। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को इस मामले में जेल भी जाना पड़ा था, लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही जमानत पर बाहर आ गए।
अरविंद केजरीवाल ने जमानत मिलने के बाद नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि वह केवल तब मुख्यमंत्री बनेंगे जब दिल्ली की जनता इसका समर्थन करेगी और उन्हें “ईमानदारी का प्रमाणपत्र” मिलेगा। चुनाव में जीत के बाद, अगर AAP अपना शासन बनाए रखती है तो यह पार्टी के लिए एक ऐतिहासिक जीत होगी, जबकि भाजपा के लिए यह मुकाबला अब भी बहुत कड़ा साबित हो सकता है।
अब देखना यह होगा कि 8 फरवरी को परिणाम किसकी ओर झुकते हैं – क्या केजरीवाल की हैट्रिक होगी या फिर बीजेपी की दमदार वापसी?