नई दिल्ली/पटना। देश की राजधानी दिल्ली में हुए धमाके (Delhi Blast) ने पूरे देश को झकझोर दिया है। घनी आबादी वाले क्षेत्र में हुए इस विस्फोट के बाद राजनीतिक गलियारों में प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। हालांकि इस बार नेताओं के सुर कुछ अलग हैं — एक ओर जहां सभी ने घटना को “दुखद” बताया, वहीं दूसरी ओर कई नेताओं ने अपील की है कि इस मसले को राजनीति से ऊपर रखकर देखा जाए और दोषियों को सख्त सजा दी जाए।
राजद (RJD) सांसद मनोज झा ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि “यह बेहद दुखद है, क्योंकि जिस इलाके में यह घटना हुई, वह अत्यंत घनी आबादी वाला है। मैं लगातार कहता आया हूं कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर देश एकजुट सोच रखता है। यह राजनीति का नहीं, मानवीय संवेदना का विषय है। दोषियों को ऐसी सजा दी जाए जो नजीर बन जाए।” झा का यह बयान स्पष्ट रूप से इस बात की ओर इशारा करता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय किसी दल या विचारधारा से ऊपर होना चाहिए।
वहीं, जदयू (JDU) नेता देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि “यह बहुत ही दुखद घटना है। जिन लोगों की जानें गई हैं, उनके परिवारों के साथ पूरा देश खड़ा है। मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार जल्द दोषियों को चिन्हित कर उन्हें सजा दिलाने का काम करेगी।” ठाकुर का यह बयान सरकार पर भरोसे का संदेश देता है और इस बात पर बल देता है कि ऐसी घटनाओं में देश को मिलजुलकर काम करने की आवश्यकता है।
चुनावी रणनीतिकार और जनसुराज प्रमुख प्रशांत किशोर (PK) ने इस घटना को चुनावी माहौल से जोड़ते हुए कहा कि “चुनाव के समय इस तरह की बातें होती रहती हैं, लेकिन इससे बिहार के लोगों को विचलित होने की जरूरत नहीं है। वोट बिहार के मुद्दों पर होना चाहिए, दिल्ली की घटना पर नहीं।” किशोर का बयान यह दर्शाता है कि वे इस विस्फोट को बिहार विधानसभा चुनावों के बीच उभर रहे राजनीतिक विमर्श से अलग रखने की सलाह दे रहे हैं।
Bihar Election 2025 Live: दोपहर 1 बजे तक 47.62 प्रतिशत वोटिंग.. किशनगंज सबसे आगे, नवादा पिछड़ा
दूसरी ओर, बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “यह घटना बेहद दुखद है और इससे देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। मैं विपक्ष से अपील करता हूं कि आतंकवाद के खिलाफ खुलकर बोलिए। राहुल गांधी जी सरकार और सेना पर सवाल उठाने के बजाय देशविरोधियों के खिलाफ आवाज उठाएं। जब तक हम सब एक होकर आतंकवाद के खिलाफ नहीं बोलेंगे, तब तक ऐसी घटनाओं को रोकना मुश्किल रहेगा।”






















