दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर (Rakesh Kishore Delhi Court) में शुक्रवार को उस समय हंगामा मच गया, जब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने वाले वरिष्ठ वकील राकेश किशोर पर वकीलों के एक समूह ने अचानक हमला कर दिया। अदालत परिसर में चल रही सामान्य कार्यवाही कुछ ही क्षणों में अफरा-तफरी में बदल गई, जब राकेश किशोर पर चप्पलों से हमला किया गया और धक्का-मुक्की की गई।
यह वही राकेश किशोर हैं, जिन्होंने 6 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की कोर्ट नंबर 1 में सुनवाई के दौरान CJI बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश कर न्यायालयों की शुचिता को लेकर बड़ा विवाद खड़ा किया था। जूता फेंकने की यह कोशिश तब हुई थी जब जवारी मंदिर (खजुराहो) की सिर कटी विष्णु मूर्ति की पुनर्स्थापना से जुड़े मामले की सुनवाई चल रही थी। सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने किशोर को तत्काल रोक लिया था, और बाद में CJI गवई ने उन्हें माफ भी कर दिया था।
हालांकि, कोर्ट परिसर में आज की घटना इस बात का संकेत देती है कि वकीलों के एक बड़े वर्ग में उनके इस कृत्य को लेकर नाराजगी अब भी गहरी है। चश्मदीदों के मुताबिक, जैसे ही राकेश किशोर कोर्ट में पहुंचे, कुछ वकील उनके पास आए और बिना किसी बहस के उन पर चप्पलों से वार करने लगे। कुछ ही पलों में स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कोर्ट सुरक्षा कर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया।
बार काउंसिल ने जूता फेंकने के मामले के बाद राकेश किशोर को निलंबित कर दिया था। लगभग 71-72 वर्ष की उम्र के वरिष्ठ वकील किशोर 2009 से दिल्ली बार काउंसिल में पंजीकृत हैं। निलंबन के बाद उन्हें किसी भी मुकदमे की पैरवी करने से रोका गया है। बावजूद इसके, उन्होंने अपने विवादित बयान में कहा था कि उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है, बल्कि उन्होंने दावा किया था कि भगवान ने उन्हें सपने में यह करने की प्रेरणा दी।
















