बिहार सरकार ने जातिगत गणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं। इन आंकड़ों को गिनने से पहले भी 01 जून 2022 को सर्वदलीय बैठक में भी इसका प्रस्ताव पारित हुआ। इसके बाद आंकड़े जारी करने के बाद 03 अक्टूबर 2023 को एक बार फिर सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता नीतीश कुमार ने की। इसमें जदयू, राजद, भाजपा, कांग्रेस, हम, एआईएमआईएम, सीपीआईएमएल, सीपीआई और सीपीएम के नेता शामिल हुए। बैठक में आंकड़ों पर भी चर्चा हुई और आंकड़ों का क्या करना है, उस पर भी। बैठक के बाद भाजपा के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि गणना में खामियों की शिकायत मिल रही है। इसे दूर किया जाना चाहिए। यह सरकार की जिम्मेदारी है। तो दूसरी ओर एआईएमआईएम के अख्तरुल ईमान ने कहा कि जातीय आंकड़े तो बीमार बिहार के लिए पैथोलॉजी की रिपोर्ट है। जांच हो गई तो ईलाज हो। जातीय आंकड़े आ गए हैं, तो पिछड़े-दलितों को इंसाफ मिले।
“भाजपा ने जताई आपत्ति”
भाजपा नेता और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि टूकड़े-टूकड़े में ये रिपोर्ट क्यों जारी कर रहे है। मैं तो चाहता हूं कि एक बार आर्थिक रिपोर्ट भी जारी हो। उन्होंने यह भी कहा कि समाज के जिन लोगों को जातीय गणना रिपोर्ट से आपत्ति है उनकों आपत्ति का अवसर मिलना चाहिए। विजय सिन्हा ने कहा कि हमलोगों ने अपनी आपत्ति को दर्ज की बताया कि ये सब कमियां है। जो आपत्ति है इसका निष्पादन होना चाहिए। हमने कहा कि इसमें आपत्ति दर्ज करने का अवसर मिलना चाहिए। हमारी बातें सुनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पदाधिकारियों को कहा कि ठीक है उस आपत्ति को देख लीजिए।
AIMIM की मांग
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि जो भी सर्वे होगा वो सौ प्रतिशत सही नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा की रिपोर्ट के अनुसार पिछड़ों की आबादी 63 फीसदी हो गयी है। इसलिए अब आरक्षण आकर बढ़ाना चाहिए। आरक्षण के बाद भी सरकारी नौकरियों में उनकी सीट खली रह जाती है। मतलब उनका सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान अभी नहीं हो सका है। यही हाल अल्पसंख्यकों का भी है। इसलिए आरक्षण आकर बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने यकीन दिलाया है की सदन के अगले सत्र में इसपर चर्चा की जाएगी। जातीय आंकड़े तो बीमार बिहार के लिए पैथोलॉजी की रिपोर्ट है। जांच हो गई तो ईलाज हो। जातीय आंकड़े आ गए हैं, तो पिछड़े-दलितों को इंसाफ मिले।
कांग्रेस ने कहा रिपोर्ट का सभी ने किया स्वागत
शकील अहमद ने कहा कि हम भी जातीय गणना रिपोर्ट का स्वागत करते हैं। सभी चीजों पर सबकी सहमति जरूरी है। बिहार पहला राज्य है जिसने अपने बलबूते जातीय गणना करायी है। जबकि भाजपा ने जातीय गणना कराने से इनकार किया था। यही सच्चाई है भाजपा को यह बात समझना चाहिए। अगला सत्र जब शुरू होगा तो सरकार अपनी पूरी पोजिशन को रखेगी। सर्वदलीय बैठक में सभी पार्टियों ने जातीय गणना का स्वागत किया है।
CPIML ने कहा सबको मिलेगा लाभ
माले विधायक महबूब आलम ने कहा कि जातीय गणना रिपोर्ट के आधार पर विकास योजनाओं का लाभ सबको मिले। जमीन संबंधी मामले को देखा जाए। उन्होंने कहा की भाजपा ने जातीय गणना को रोकने की तमाम कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली। महबूब आलम ने बताया कि सर्वदलीय बैठक के दौरान भाजपा ने कहा है कि गिनती करने में यदि कही त्रुटियां रह गयी है तो उसे दूर किया जाए।