बिहार की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक 70वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा को लेकर छात्रों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। पटना हाईकोर्ट ने परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों के बावजूद इसे रद्द करने की मांग खारिज कर दी है। कोर्ट के फैसले के बाद इस मामले में लगातार मुखर रहे रहमांशु सर ने कहा कि “हमने हाईकोर्ट में परीक्षा में गड़बड़ी के पर्याप्त सबूत पेश किए थे, लेकिन शायद कुछ कमी रह गई। यह फैसला निराशाजनक है। अब हम इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे। लाखों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ हुआ है, और हम इसे ऐसे ही खत्म नहीं होने देंगे।”
छात्रों का संघर्ष और सियासी समर्थन
70वीं BPSC परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर बिहार में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुआ था। हजारों छात्र सड़कों पर उतरे, तो वहीं इस आंदोलन को कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनसुराज जैसे राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिला। विपक्षी दलों ने इसे बिहार के युवाओं के साथ अन्याय करार दिया था।
क्या थी BPSC परीक्षा में गड़बड़ी की कहानी?
छात्रों का आरोप है कि 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक, कदाचार और अनियमितताओं की भरमार थी। कुछ छात्रों ने तो यह भी दावा किया कि परीक्षा से पहले ही सवालों के उत्तर सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर लीक हो चुके थे। कई कोचिंग संस्थानों और अभ्यर्थियों ने इन आरोपों को आधार बनाकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन अब जब कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है, तो छात्रों के संघर्ष को नया मोड़ मिल गया है।
अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण ली जाएगी। छात्रों और कोचिंग संचालकों का कहना है कि वे पूरी तैयारी के साथ शीर्ष अदालत में अपील करेंगे। यदि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए मंजूरी दी, तो यह मामला और भी बड़ा रूप ले सकता है।