सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों को कांवड़ यात्रा मार्ग (Kanwar Yatra) पर ढाबा और रेस्तरां मालिकों के लिए QR कोड के जरिए पहचान प्रदर्शित करने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि कांवड़ यात्रा अपने अंतिम चरण में है, और सभी ढाबा व रेस्तरां मालिकों को कानून-नियमों का पालन करना होगा। यह आदेश उपभोक्ताओं को दुकान मालिकों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
हालांकि, याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि यह आदेश निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है और पिछले साल के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है, जिसमें दुकानदारों को अपनी पहचान उजागर करने के लिए बाध्य करने पर रोक लगाई गई थी। कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, लेकिन 22 जुलाई 2025 को कोई अंतरिम रोक नहीं लगाई।
क्या है सरकारी आदेश
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबों, रेस्तरां, और फल-खाद्य विक्रेताओं के लिए एक आदेश जारी किया था, जिसमें उन्हें अपनी दुकानों पर QR कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया। इस QR कोड में मालिक का नाम, दुकान का नाम, और अन्य प्रासंगिक जानकारी शामिल होती है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को खाद्य प्रतिष्ठान की प्रामाणिकता और मालिक की पहचान के बारे में जानकारी देना है, ताकि खाद्य सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।