इंदौर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ एक्ट को लेकर भड़की हालिया हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने धार्मिक जुलूसों के दौरान मस्जिदों के सामने डीजे बजाने को उकसावे की कार्रवाई करार दिया और ऐसे आयोजनों की अनुमति पर सवाल उठाए।
सिंह ने कहा, “नफरत फैलाने और दंगे कराने वाले संगठनों को मस्जिदों के सामने से डीजे बजाकर जुलूस निकालने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। अगर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का ईमानदारी से पालन हो, तो ऐसी घटनाएं न हों।” उन्होंने केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे “डबल इंजन सरकार की मानसिकता” का नतीजा बताया।
गौरतलब है कि मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून को लेकर शुरू हुए टकराव ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं। तनाव की वजह से लोग नावों के जरिए मालदा जिले की ओर पलायन कर रहे हैं।
इस बीच राज्य प्रशासन ने स्थिति को काबू में लाने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की है। वहीं, बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है। दिग्विजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के 2022 के उस फैसले की भी याद दिलाई, जिसमें धार्मिक जुलूसों के नियमन के लिए दिशानिर्देश बनाने की मांग को खारिज किया गया था। उन्होंने कहा कि यदि सरकारें कोर्ट की मंशा के अनुरूप काम करतीं, तो दंगे रोके जा सकते थे।
दूसरी ओर, सिंह के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कई यूजर्स ने उन्हें “गद्दार” बताते हुए उनके हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया है। मुर्शिदाबाद की हिंसा अब केवल कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि सियासी आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा भी बन चुकी है, जिसकी गूंज आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है।