नई दिल्ली: दिल्ली में शुक्रवार को हुई सामान्य बारिश ने एक बार फिर शहर की सड़कों पर जलभराव की समस्या को उजागर कर दिया। इस दौरान जगह-जगह पानी भरने से चार लोगों की जान चली गई। आम आदमी पार्टी (AAP) के दिल्ली अध्यक्ष और नेता सौरभ भारद्वाज ने इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार पर तीखा हमला बोला है।
“दिल्ली में 4 इंजन की सरकार होने के बाद भी बहानेबाजी नहीं चलेगी। एक महीने पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दावा किया था कि साल 2025 में दिल्ली में पानी नहीं भरेगा, लेकिन आज एक सामान्य बारिश में ही जगह-जगह जलभराव हो गया और चार लोगों की मृत्यु हो गई।” उन्होंने सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली की जनता को इस तरह की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह बारिश एक पश्चिमी विक्षोभ का नतीजा है, जिसने उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित किया है। IMD ने दिल्ली के लिए रेड अलर्ट जारी किया था, जिसमें भारी बारिश और 40 से 90 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाओं की चेतावनी दी गई थी। इस बारिश ने दिल्ली में भारी तबाही मचाई, सड़कों पर पानी भर गया, और कई इलाकों में यातायात ठप हो गया। हालांकि, बारिश का एक सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिला, क्योंकि इसने दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार किया और प्रदूषण के स्तर को “मध्यम” श्रेणी में ला दिया।
दिल्ली में जलभराव की समस्या कोई नई बात नहीं है। साल 2023 में भी भारी बारिश के बाद जलभराव को लेकर AAP सरकार और तत्कालीन उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच तीखी बहस हुई थी। उस समय सक्सेना ने नालों की सफाई (डिसिल्टिंग) में लापरवाही को जलभराव का मुख्य कारण बताया था। सौरभ भारद्वाज ने इस बार भी उसी तर्क का इस्तेमाल करते हुए BJP सरकार को घेरने की कोशिश की है, जिसमें उन्होंने नई सरकार की विफलता को उजागर किया।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की। एक यूजर गौतम झा ने लिखा, “आखिरी निर्लज्ज और आखिरी चूतिया है साला ये सौरभ भारद्वाज, इतने दिनों के अपनी सरकार की नाकामी को इस नई चुनी हुई सरकार पर डालना चाहता है।” वहीं, एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “अब मालूम नहीं कि दिल्ली की CM से भारत के PM का क्या रिश्ता है, लेकिन एक बात तो तय है कि एक बहुत झूठा है।”
दिल्ली में जलभराव और उससे होने वाली मौतें एक बार फिर शहर की बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को सामने ला रही हैं। यह घटना दिल्ली सरकार के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे, या यह समस्या हर साल की तरह बारिश के मौसम में दिल्लीवालों को परेशान करती रहेगी।