बिहार कि राजनीति में चल रहीं खटपट पर विराम लग चूका है। वहीं कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश (CM Nitish) और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के बीच सदन में हुए विवाद का समापन मंगलवार, 15 मार्च को हो गया। दोनों लोगों ने मिलकर अपने गिले शिकवे दूर कर लिए।
सुलझ गया मसला
बता दें कि कुछ दिन पहले ही लखीसराय में हुई एक घटना के बारे में विधानसभा अध्यक्ष ने जवाब मांगा था जिसपर सीएम नीतीश भड़क गए थे। दोनों के बीच का विवाद काफी हद तक बढ़ गया था। जिसके बाद से बिहार कि सियासत में लगातार टकराव की स्थिति पैदा हो गयी है। वहीं इस मामले को लेकर विपक्ष अब भी बयानबाजी कर रही है। जिसका सत्तादारी लगातार विरोध कर रहे है।
भाजपा ने कहा गीले शिकवे हुए दूर
बुधवार को भाजपा विधायक संजय श्राबगी और हरिभूषण बेचौल ने सीएम और सपीकर विवाद को लेकर कहा कि सभी गीले शिकवे दूर हो चुके है। वहीं सबकुछ बैठकर सुलझा दिया गया है किसी को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल अनर्गल बयानबाजी करते है उनपर ज्यादा ध्यान देने कि जरुरत नहीं है। साथ ही उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा की सदन की कार्रवाई बेहतर तरीके से चलेगी अब इसमें कोई रोक नहीं लगेगी।
विपक्ष की मांग

वहीं दूसरी तरफ माले विधायक मनोज मंजिल और उनके साथी विधानसभा परिसर में नारेबाजी करते दिखें। साथ ही वह पिछले साल विधानसभा में विपक्षी विधायको की हुई पिटाई के रिपोर्ट रद्द करने की मांग कर रहे है। उनका कहना है कि जिसको सजा मिलनी चाहिए उसे सजा नहीं मिल रही और विपक्षी विधायक को ही दोषी ठहरा जा रहा है और उनपर ही करवाई करने कि बात चल रही है। वह चाहते है कि असली आरोपियों को सजा मिले।
सदन के बाहर हंगामा

बता दें कि आज विधानसभा अध्यक्ष आसन पर आए लेकिन विपक्ष ने काफी हंगामा किया। विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच चल रहे विवाद पर विपक्ष ने कहा कि रात के अंधेरे में क्या फैसला हुआ किसी को नहीं पता। हम सदन ऐसे चलने नहीं देंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा भंग हुई है इसलिए जो भी फैसला होना है सदन में हो। सदन में ही मुख्यमंत्री आए और विचार विमर्श करें तब भी आगे सदन कि कार्यवाही चलेगी।




















