Bihar Politics : राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायकों की जुबान पर लगातार नीतीश कुमार का नाम आना और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की मुहिम पर पानी फेरने वाले संकेतों ने पार्टी के भीतर “नीतीश लॉबी” के होने की अटकलों को हवा दे दी है। मनेर के RJD विधायक भाई वीरेंद्र का ताजा बयान— “नीतीश कुमार हमारे साथ आने वाले हैं”— ने सियासी गलियारों में यह सवाल छोड़ दिया है: क्या RJD के विधायक वास्तव में तेजस्वी को सीएम चाहते हैं, या नीतीश के साथ ‘पुराने गठजोड़’ की यादें उन्हें परेशान कर रही हैं?
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2015 से 2024: नीतीश-तेजस्वी की ‘ऑन-ऑफ’ राजनीति का सिलसिला
- 2015: RJD-जेडीयू गठबंधन ने बिहार पर राज किया, लेकिन सीएम की कुर्सी नीतीश की ही रही। तेजस्वी डिप्टी सीएम बने।
- 2017: नीतीश ने RJD का साथ छोड़कर BJP का दामन थामा।
- 2022: महागठबंधन की दोबारा शुरुआत, मगर सीएम पद नीतीश के नाम ही रहा।
- 2024: नीतीश ने फिर RJD को छोड़ BJP के साथ हाथ मिलाया।
इस ऑन-ऑफ के खेल के बावजूद राजद विधायकों द्वारा बार बार नीतीश कुमार का गठबंधन में स्वागत करने पर यह भी सवाल उठने लगा है कि आखिर हर बार नीतीश के सामने RJD क्यों घुटने टेक देती है? क्या तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता पर विधायकों को भरोसा नहीं?
RJD के विधायकों की जुबान पर नीतीश, दिल में क्या?
RJD के कुछ विधायकों का नीतीश प्रेम अब भी खुलकर सामने आ रहा है। मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र ने 26 दिसंबर 2024 को कहा था— “राजनीति में कोई परमानेंट दोस्त नहीं… नीतीश अगर सांप्रदायिक ताकतों (BJP) को छोड़ें, तो हम उनका स्वागत करेंगे।” अब उन्होंने दोहराया— “नीतीश हमारे साथ आने वाले हैं।”
सियासी शतरंज: क्या तेजस्वी हैं RJD के ‘राजा’ या महज ‘मोहरा’?”
तेजस्वी यादव ने 2024 के लोकसभा चुनाव में RJD को 4 सीटें दिलाईं, लेकिन 2019 के चुनाव में बिना नीतीश कुमार के राजद शून्य पर आउट हो गई थी। ऐसे में चर्चा यह भी है कि विधायकों को डर है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में भी नीतीश के बिना RJD अकेले BJP को नहीं हरा सकती।