“अपने ही देश में दोयम दर्जे का बर्ताव, क्या यही है एकता का नारा?” महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश और बिहार के हिंदी भाषी कामगारों पर हो रहे हमलों ने अब संसद का दरवाजा खटखटा दिया है। लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास (लोजपा-आर) के सांसद राजेश वर्मा ने लोकसभा में बेहद भावुक और आक्रोश से भरा मुद्दा उठाते हुए महाराष्ट्र सरकार और केंद्र से “पूर्वांचलियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने” की मांग की है।
राजेश वर्मा ने लोकसभा में कहा कि “कोई मज़े के लिए नहीं जाता दूसरे राज्य में काम करने, यह उसकी मजबूरी होती है। और जब कोई किसी योग्य कर्मचारी को नौकरी देता है, तो वो एहसान नहीं करता, वो उसका अधिकार है।” उन्होंने सीधे तौर पर राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि राजनीतिक अस्तित्व खोती पार्टी अब ओछे हथकंडों से अपनी पहचान बचाने की कोशिश कर रही है।
बीते कुछ दिनों में मुंबई से भाषाई असहिष्णुता की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो चौंकाने वाली हैं।
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